Last Updated: Friday, January 10, 2014, 09:51
हमारी आकाश गंगा `मिल्की वे` में पाए जाने वाले भारी स्थलीय उपग्रहों या `सुपर अर्थ` का वातावरण वैज्ञानिकों की उम्मीद से कहीं अधिक पृथ्वी के वातावरण से मेल खाता दिख रहा है।
Last Updated: Tuesday, May 15, 2012, 05:22
मिल्की वे आकाश गंगा में अरबों ऐसे ग्रह मौजूद हो सकते हैं, जिन पर जीवन मौजूद हो सकता है।
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