Last Updated: Sunday, August 19, 2012, 19:57
देश के पूर्वोत्तर में अशांति के पुराने इतिहास, क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं एवं उसके मर्म को समझने वाले राजीव गांधी ने 1985 में 14 अगस्त को पूरी रात और सुबह चार बजे तक जगकर असम के विभिन्न पक्षों से चर्चा की और दीर्घकालीन शांति का मार्ग प्रशस्त किया था।