Last Updated: Sunday, October 30, 2011, 03:14
हिंदी फिल्म उद्योग के विकास के शुरूआती दौर से ही उसमें सक्रिय वी शांताराम ऐसे फिल्मकार थे जिन्होंने सामाजिक परिवर्तन के माध्यम के रूप में इस विधा की क्षमताओं को पहचाना और अपनी कृतियों में मानवता की वकालत करते हुए समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने की जरूरत पर बल दिया।