Last Updated: Thursday, February 6, 2014, 22:24
संसद की एक समिति ने गुरुवार को कहा कि 1993 से 2010 के दौरान कोयला खानों का आवंटन बेहद गैर पारदर्शी तरीके से किया गया और यही नहीं स्क्रीनिंग समिति की समूची प्रक्रिया कुछ कंपनियों को फायदा पहुंचाने पर केंद्रित रहीं।