Last Updated: Wednesday, October 2, 2013, 12:01
अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी के जीवन दर्शन और सुविचारों की प्रासंगिकता को इसी बात से समझा जा सकता है कि आज, उनके जन्म के 144वें वर्ष में भी कई फिल्मकार उनके दर्शन और उपदेशों को अपनी फिल्मों में उतारना चाहते हैं, और कई फिल्मकार इस दिशा में लगे भी हुए हैं।