Last Updated: Sunday, August 18, 2013, 16:02
एक संवेदनशील शायर और आसपास की दुनिया को बेहद करीब से देखने वाले गुलज़ार साहब के लिए जन्मदिन का मायना भले ही ये हो सकता है लेकिन अपने बेहतरीन लफ्ज़ों की बदौलत उन्होंने साहित्य और संगीत को जो दिया है, वो एक बेमिसाल ख़ज़ाना है।