Last Updated: Wednesday, July 25, 2012, 21:59
बंगाल के एक छोटे से गांव में दीपक की रोशनी से दिल्ली की जगमगाती रोशनी तक की इस यात्रा के दौरान मैंने विशाल और कुछ हद तक अविश्वसनीय बदलाव देखे हैं। देश के 13वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद अपने भाषण में ये उदगार प्रणब मुखर्जी ने व्यक्त किए।