Last Updated: Wednesday, January 9, 2013, 16:08
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बलात्कार और हत्या जैसे 'गम्भीर अपराध' करने वाले 16 वर्ष से अधिक के किशोरों को किशोर न्याय अधिनियम से बाहर रखने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया और 14 फरवरी तक जवाब दाखिल करने के लिए कहा। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी. मुरुगेसन और न्यायमूर्ति वी.के. जैन की खण्डपीठ ने केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्रालय और केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय के जरिये सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।