Last Updated: Tuesday, May 14, 2013, 22:53
गंगा मैली हो गई है, कहीं छिछली तो कहीं सूख सी गई है। इसे बचाने की जरूरत है। गंगा की यह बेचारगी समय-समय पर समाचार पत्रों, सूचना-प्रसार के माध्यमों, लेखों और किताबों में दिखती आई है और लोग उसकी दशा-दुर्दशा से परिचित भी होते आए हैं।