Last Updated: Saturday, February 8, 2014, 22:43
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भारत के एक भी उच्च शिक्षण संस्थान के विश्व के शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों में शामिल नहीं होने पर दुख जताते हुए सुझाव दिया कि भारत में ‘प्रतिभाशाली छात्रों और शिक्षकों को अपनी व्यवस्था में रोकने की क्षमता’ होनी चाहिए।