Last Updated: Sunday, April 20, 2014, 18:40
देश के एक जानेमाने इतिहासकार ने कहा है कि मध्यकालीन भारत के प्रख्यात शासक शेरशाह सूरी ने अपने पांच साल के शासनकाल (साल 1540-1545) में अपनी अदम्य इच्छाशक्ति और दूरदृष्टि के जरिए शासन व्यवस्था को सुचारू बनाने और लोकहित के लिए जो काम किए वे आधुनिक भारत की सरकारों द्वारा पांच साल में किए जाने वाले काम पर भारी पड़ते हैं।