Last Updated: Wednesday, December 11, 2013, 19:54
समलिंगी सेक्स को उच्चतम न्यायालय द्वारा अवैध करार दिए जाने के बीच सरकार ने बुधवार को संकेत दिया कि वह इस मुद्दे से निपटने के लिए विधायी रास्ता अपनाएगी। शीर्ष अदालत के फैसले के बाद अब समलिंगी सेक्स को लेकर गेंद संसद के पाले में आ गई है और वही तय करेगी कि भारतीय दंड संहिता से कौन सी धाराएं हटाने की आवश्यकता है।