Last Updated: Sunday, October 23, 2011, 08:51
सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि सह आरोपी की स्वीकारोक्ति किसी व्यक्ति को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त आधार नहीं हो सकती क्योंकि अदालतें इस पर भरोसा करने के लिए बाध्य नहीं हैं।
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