Last Updated: Sunday, September 15, 2013, 16:54
मुजफ्फरनगर के दंगों ने एक बार देश में महात्मा गांधी की कमी को अहसास करा दिया है। तमाम तरह के वाद (ISM) का नारा देकर राजनीति करने वाले और सामाजिक कार्यों में लगे संगठन और नेताओं को सांप्रदायिक आग में झुलस रहे उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर में सांप्रदायिक सद्भाव बनाने की आवश्यकता महसूस नहीं हुई।