गुजरात को जीतने के बाद अब 27 को दिल्ली जाएंगे मोदी |
|
|
ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली/अहमदाबाद: गुजरात में लगातार तीसरी बार परचम लहराने वाले नरेंद्र मोदी अब दिल्ली आने की तैयारी कर रहे हैं। वह 27 दिसंबर को दिल्ली आएंगे। वहीं, मोदी ने जीत के बाद आयोजित विजय रैली में कहा कि यह सुशासन और विकास की जीत है। उन्होंने लोगों से कहा कि अगर उनसे कोई गलती हुई हो या कोई खामी रह गई हो तो वे उन्हें माफ कर दें। वहीं, मोदी शु्क्रवार को अपने निर्वाचन क्षेत्र मणिनगर का दौरा भी करेंगे और मतदाताओं का आभार जताएंगे।
लोगों द्वारा भाजपा के अगले प्रधानमंत्री के रूप में मोदी के नाम का नारा लगाए जाने के बीच मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि आप चाहेंगे तो मैं 27 दिसंबर को एक दिन के लिए दिल्ली जरूर जाऊंगा। यह उल्लेख करते हुए कि उन्होंने कोई गलती नहीं की है, मोदी ने कहा कि यदि उन्होंने कुछ कड़े फैसले किए हैं, जिनसे कुछ तबके और कुछ गांवों के निवासी नाराज हो सकते हैं, तो ये कड़े फैसले गुजरात के अच्छे के लिए किए हैं। हालांकि उनकी इस माफी को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं। पीएम पद को लेकर उनके समर्थन में उठती आवाज यह संकेत है कि आने वाले दिनों में दिल्ली जाने के उनकी राह में बाधाएं खड़ी करना आसान नहीं होगा। अपने संबोधन में मोदी ने शालीनता का परिचय देकर और राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश के कई अपरोक्ष संकेत भी दिए।
गौर हो कि भाजपा ने गुजरात में मोदी की अगुवाई में अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखते हुए 182 में से 115 सीटों पर जीत दर्ज कर स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया। एक समय कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले इस राज्य पर अब पूरी तरह से भाजपा और खासतौर पर नरेंद्र मोदी का प्रभाव है।
हैट ट्रिक बनाकर भाजपा में प्रधानमंत्री पद के सशक्त उम्मीदवार बने मुख्यमंत्री मोदी ने कहा कि यदि उनसे कोई ‘गलती’ हुई है तो वह लोगों से माफी मांगते हैं। मोदी ने देश के लोगों तक पहुंच बनाने की कोशिश के तहत हिन्दी में दिए अपने विजय भाषण में कहा कि यदि कहीं किसी तरह की कोई गलती हुई है तो मैं आपसे, छह करोड़ गुजरातियों से माफी मांगता हूं। गोधरा कांड के बाद 2002 में हुए दंगों के कारण हमेशा हमलों का सामना करते रहे मोदी ने अपने 45 मिनट के भाषण में इसका कोई जिक्र नहीं किया।
गुजरात के मुख्यमंत्री ने लोगों से कहा कि आपने मुझे सत्ता दी है। अब आप मुझे अपना आशीर्वाद दीजिए, ताकि मैं कोई गलती नहीं करूं, कोई आहत नहीं हो, और मुझसे अनजाने में भी कोई गलती नहीं हो। जब लोग, जो असल में भगवान हैं, अपना आशीर्वाद देते हैं तो गलती की कोई संभावना नहीं रहती। विश्लेषकों का कहना है कि चुनाव प्रचार के दौरान गुजराती में बोलते रहे मोदी का हिन्दी में बोलना उनकी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा का संकेत हो सकता है। अपने आलोचकों पर बरसते हुए मोदी ने कहा कि जब ‘लोगों ने मुझे सबसे बड़ा पदक दे दिया है’ तो उन्हें किसी से कोई प्रमाणपत्र लेने की आवश्यकता नहीं है। मोदी ने अपनी जीत का श्रेय ‘टीम भाजपा’को दिया। उनका कहना है कि यह मेरी शक्ति नहीं है। यह भाजपा की शक्ति है। यह टीम भाजपा है, यह टीम गुजरात है, जो आपकी सेवा कर रही है और मैं इस टीम का महज एक छोटा सा हिस्सा हूं।
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि पार्टी एक मां की तरह है । हम जो भी हैं, पार्टी की वजह से हैं। यदि पार्टी नहीं होगी तो हमारा कोई मूल्य नहीं। यह गत 40-50 साल में भाजपा द्वारा की गई कड़ी मेहनत का नतीजा है कि पार्टी विजयी हुई है। मोदी ने लोगों से गुजरात को विकास के ऐसे स्तर तक ले जाने को कहा कि यह देश की सेवा कर सके।
मोदी के लिए खुशी से ‘पीएम, पीएम (प्रधानमंत्री)’ का नारा लगा रही भीड़ को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने अपनी जीत का श्रेय छह करोड़ गुजरातियों और अपनी पार्टी को दिया तथा कहा कि यदि वह गुजरात की सेवा करने और राज्य को उंचाइयों पर ले जाने में सक्षम हुए हैं तो यह लोगों और उनकी पार्टी की संयुक्त शक्ति की वजह से हुआ है। मोदी ने कहा कि वह 27 दिसंबर को एक दिन के लिए दिल्ली जाएंगे।
सही विकल्प चुनने के लिए मतदाताओं की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि यदि आज कोई नायक है, तो वे छह करोड़ गुजराती हैं। गुजरात के मतदाता क्षेत्रवाद, जातिवाद से ऊपर उठ चुके हैं। वे सराहना के पात्र हैं। यदि आप कुछ सीखना चाहते हैं तो उनसे सीखिए। मोदी के इस वक्तव्य में भी राष्ट्रीय राजनीति के संदर्भ में कई निहितार्थ छुपे हैं।
First Published: Friday, December 21, 2012, 12:21
|
टिप्पणी
जवाब छोड़ें
|
|
|
|
|
|
|
|
|
 |
कुल सीटें : 182
2007 के चुनाव परिणाम
गुजरात में दलगत स्थिति |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|