यह चुनाव सियासी जानकारों ने राहुल बनाम मोदी का भी ऐलान कर दिया है। सूत्रों के हवाले से यह खबर बार बार आती रही है कि गुजरात विधानसभा चुनाव में मोदी को पछाडऩे के लिए कांग्रेस ने राहुल को मैदान में उतारना चाहती है। लेकिन कांग्रेस की तरफ से इस बात की कोई अधिकारिक घोषणा नहीं की गई।
लेकिन सवाल यह है कि क्या राहुल गांधी मोदी जैसे नेता को टक्कर दे पायेंगे। मोदी का कद इतना बढा है कि उन्हें प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के रूप में देखा जाता है। राहुल गांधी ने यूपी में भी चुनाव जमकर चुनाव प्रचार किया था लेकिन पार्टी को हार से नहीं रोक सके और कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद निराशानजक रहा था।
राहुल गांधी ने यूपी में विधानसभा चुनाव के दौरान जमकर प्रचार किया था। राहुल ने कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था लेकिन वह सफल नहीं हो पाए थे। इससे पहले बिहार में विधानसभा चुनाव में भी राहुल ने जमकर प्रचार किया था लेकिन कांग्रेस की हालत और बुरी हो गई।
यानी कांग्रेस भी इस बार कदम फूंक-फूंक कर रखना चाहती है। क्योंकि दूध का जला मठ्टा भी फूंक-फूंक कर पीता है। कांग्रेस यूपी और बिहार में अपनी पार्टी का प्रदर्शन देख चुकी है। इसलिए मोदी जैसे कद्दावर नेता के सामने राहुल गांधी को आजमाना इतना आसान नहीं होगा। यह दांव खेलने के पहले भी कांग्रेस हजारों बार सोचेगी। अगर देखा जाए तो प्रदेश कांग्रेस में कोई ऐसा नेता नजर नहीं आता जो मोदी को चुनाव प्रचार में टक्कर दे सके। यहीं वजह है कि मोदी को टक्कर देने के लिए कांग्रेस फिलहाल आत्म मंथन में जुटी है और वह मोदी के खिलाफ राहुल सियासी मैदान में प्रचार के लिए उतरेंगे या नहीं इसका ऐलान करने से बच रही है। कांग्रेस ने गुजरात में मोदी के खिलाफ बड़ी सावधानीपूर्वक रणनीति बनाई है। कांग्रेस स्थानीय और विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस मोदी को इस बात का मौका नहीं देना चाहती कि वह हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर मतों का ध्रुवीकरण कर पाए।
First Published: Friday, November 2, 2012, 10:56
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