`खाने को पैसा नहीं, तो लोग सोना कैसे खरीदेंगे`

`खाने को पैसा नहीं, तो लोग सोना कैसे खरीदेंगे`

`खाने को पैसा नहीं, तो लोग सोना कैसे खरीदेंगे` नई दिल्ली : सोना नहीं खरीदने की पी चिदंबरम की नागरिकों को गुरुवार को दी गई सलाह पर चुटकी लेते हुए भाजपा ने कहा कि वित्त मंत्री को शायद नहीं मालूम कि लोगों के पास खाने के लिए कुछ खरीदने को पैसा नहीं है तो वे सोना कहां से खरीदेंगे।

भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने यहां कहा, देश की अर्थव्यवस्था लगातार गिरती जा रही है। वित्त मंत्री उसे संभालने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं। हर क्षेत्र में घाटे की स्थिति में आ चुकी अर्थव्यवस्था में प्राण डालने के बजाय वह नागरिकों को सोना नहीं खरीदने की सलाह देकर उनके जले पर नमक छिड़कने का काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 में एक डालर के मुकाबले रूपए की कीमत 50 रूपए से गिर कर अब 60 तक जा पंहुची है लेकिन इसका अवमूल्यन सरकार से रोका नहीं जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे मुद्रास्फीति बेतहाशा बढ़ी है और पेट्रोल का दाम भी बढ़ रहा है।

पार्टी प्रवक्ता ने अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और चिदंबरम से इस बात का गंभीर अध्ययन करने को कहा कि संप्रग के नौ साल के शासन में देश की अर्थव्यवस्था इस कदर चौपट कैसे हो गई।

चिदंबरम ने देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर संवाददाताओं से बातचीत में के दौरान कहा कि सोने के भारी आयात से देश के चालू खाते के घाटे पर दबाव पड़ा है जिससे रपये की विनिमय दर प्रभावित हो रही है।

उन्होंने लोगों से सोने में निवेश नहीं करने की गुजारिश की।साथ ही उन्होंने कहा कि डालर के मुकाबले रपये की विनिमय दर में गिरावट को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने निवेशकों को भरोसा दिया कि रपया हाल के घाटे से उबर कर अपनी जमीन पा लेगा। (एजेंसी)

First Published: Thursday, June 13, 2013, 18:44

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