Last Updated: Wednesday, October 17, 2012, 22:03
मुंबई : भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन यू.के. सिन्हा ने भारतीय कंपनियों से कहा है कि वे रेटिंग एजेंसियों को अदालत में न घसीटें तथा आंकलन की प्रक्रिया को चलने दें।
सिन्हा ने आज यहां प्रतिभूतिकरण सम्मेलन से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘मेरा कंपनियों को संदेश है कि यदि वे धन जुटा रही हैं, तो उन्हें नियमों का पालन करना होगा।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि देश के सभी कंपनी बोर्ड इस बात को जानते हैं कि यदि सेबी किसी उद्योग का नियमन कर रहा है या फिर किसी विशेष उत्पाद को देख रहा है, तो वे इस प्रक्रिया को चलने देंगे और उसके रास्ते में बाधक नहीं बनेंगे।’
रेटिंग एजेंसियों की मंगलवार को सेबी के साथ बैठक हुई थी। समझा जाता है कि इसमें एजेंसियों ने नियामक से कुछ कंपनियों द्वारा दायर मुकदमों की वजह से उनके समक्ष आ रही दिक्कतों के बारे में बताया। कई बार कंपनियां किसी रेटिंग या उसके बाद की गई टिप्पणी की वजह से रेटिंग एजेंसी को अदालत में घसीट लेती हैं।
रेटिंग एजेंसियों का कहना है कि रेटिंग के लिए वे किसी कंपनी से जो शुल्क लेती हैं, मुकदमेबाजी से उनको इसमें नुकसान उठाना पड़ता है। यह पूछे जाने पर कि क्या बाजार नियामक इस मुद्दे पर कुछ दिशानिर्देश लाने की तैयारी कर रहा है, सिन्हा ने कहा कि रेटिंग एजेंसियों के लिए पहले ही काफी नियमन हैं। यदि जरूरत होगी, तो सेबी उन्हें फिर से देख सकता है। उन्होंने बताया कि भारत उन पहले देशों में है जहां क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां नियमन के दायरे में आती हैं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 17, 2012, 22:03