जीएसएलवी के लिए दूसरा इंजन बनाएगा इसरो

जीएसएलवी के लिए दूसरा इंजन बनाएगा इसरो

जीएसएलवी के लिए दूसरा इंजन बनाएगा इसरो चेन्नई : भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी अपने वजनी उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (जियोसिनक्रोनस सेटेलाइट लांच वीकल-जीएसएलवी) को उड़ाने के लिए दूसरा इंजन तैयार करेगा, जबकि इसके एक हिस्से में हुए ईंधन के रिसाव के विस्तृत अध्ययन के लिए उसे तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र (एलपीएससी) भेजेगा।

भारतीय अतंरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रॉकेट के दूसरे स्तर से नल की तरह तरल ईंधन का रिसाव शुरू होने के बाद जीएसएलवी से संचार उपग्रह जीसैट-14 को 19 अगस्त को होने वाले अपने प्रक्षेपण कार्यक्रम को रोक दिया।

इसरो का प्रक्षेपण केंद्र यहां से करीब 80 किलोमीटर दूर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित है। एलपीएससी तमिलनाडु के महेंद्रगिरि में स्थित है। जीएसएलवी तीन स्तरीय प्रक्षेपण यान है जिसमें पहले स्तर पर चार स्ट्रेप-ऑन मोटर आपस में जुड़े होते हैं। पहला स्तर ठोस ईंधन से लैस है जबकि चार स्ट्रेप-ऑन मोटर और दूसरा स्तर तरल ईंधन से चालित है। तीसरा स्तर क्रायोजेनिक इंजन तरल हाइड्रोजन और तरल ऑक्सीजन से चालित है।

इसरो के अधिकारी ने कहा कि पुर्जों को जोड़कर रॉकेट तैयार करने में उपग्रह, क्रायोजेनिक इंजन और दूसरे स्तर में गड़बड़ी हुई। यह तय किया गया कि विस्तृत अध्ययन और जांच के लिए दूसरे स्तर को महेंद्रगिरि भेजा जाए। उन्होंने कहा कि इसरो ने दूसरा इंजन तैयार करने का भी फैसला लिया है ताकि जीएसएलवी शीघ्र उड़ान भर सके। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, August 28, 2013, 13:15

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