Last Updated: Tuesday, June 25, 2013, 22:41

तिरुवनंतपुरम : भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में इस्तेमाल किए जाने वाले कई चिकित्सीय पौधों के विलुप्तीकरण के कगार पर पहुंच जाने को देखते हुए केरल इन पौधों के बीजों को दक्षिण कोरिया के ‘बीज कोष्ठ’ (बीजों के संरक्षण का बैंक) में भेजने का विचार कर रहा है। यह कोष्ठ सुनामी या भूकंप का सामना करने में भी सक्षम है।
कोरिया राष्ट्रीय वनस्पति वाटिका के वनस्पति विज्ञानियों का एक दल हाल ही में इस मसले पर चर्चा करने के लिए और सरकार के साथ संधि करने के लिए राज्य में था लेकिन इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय राष्ट्रीय जैवविविधता प्राधिकरण की सहमति के बाद ही लिया जा सकेगा।
बीज कोष्ठ के अधिकारियों ने केरल के मुख्यमंत्री ओमान चांडी से मुलाकात कर उनके सामने प्रस्ताव रखा कि राज्य कुछ दुर्लभ और विलुप्त उष्णकटिबंधीय चिकित्सीय पौधों को संरक्षण के लिए भेज सकता है। केरल में पास के पैलोड स्थित जवाहरलाल नेहरू ट्रॉपिकल बोटेनिक गार्डन एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉक्टर लाथा पीजी ने कहा कि राज्य सरकार इस विचार को लेकर बेहद उत्साहित है।
डॉक्टर लाथा ने बताया कि मुख्यमंत्री इस प्रस्ताव के लिए सहमत हैं। चेन्नई के राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण को इसके लिए अपनी अंतिम मंजूरी देनी है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, June 25, 2013, 22:41