मुर्सी को कुर्सी से हटाया गया, मंसूर बने अंतरिम राष्ट्रपति

मुर्सी को कुर्सी से हटाया गया, मंसूर बने अंतरिम राष्ट्रपति

मुर्सी को कुर्सी से हटाया गया, मंसूर बने अंतरिम राष्ट्रपति काहिरा : मिस्र में लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित पहले राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को कुर्सी से अपदस्थ कर नजरबंद किये जाने के एक दिन बाद आज न्यायाधीश अदली महमूद मंसूर को देश का अंतरिम राष्ट्राध्यक्ष बना दिया गया। यहां मुस्लिम ब्रदरहुड के मुर्सी को हटाए जाने के बाद नए राजनीतिक घटनाक्रम की शुरूआत संवैधानिक अदालत के मुखिया न्यायाधीश मंसूर के अंतरिम राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने के साथ हुई।

मंसूर (67) ने संवैधानिक अदालत में सरकारी टीवी चैनल पर प्रसारित एक समारोह में शपथ ली। उन्होंने अपने संक्षिप्त भाषण में सेना, न्यायपालिका और पुलिस के योगदान की सराहना की। उन्होंने उन प्रदर्शनकारियों की भी सराहना की जिनके सड़कों पर उतरने के बाद सेना की ओर से मुर्सी को हटाने तथा संविधान को निलंबित करने का कदम उठाया गया। मंसूर ने उन सभी युवाओं और क्रांतिकारियों को याद किया जिन्होंने ‘30 जून के गौरवशाली दिन’ में हिस्सा लिया।

मंसूर ने पद एवं गोपनीयता की शपथ लेते हुए कहा, ‘मैं गणराज्य की व्यवस्था के संरक्षण, संविधान एवं विधि के सम्मान तथा जनता के हितों की रक्षा की शपथ लेता हूं।’ सेना प्रमुख जनरल अब्दुल फतह सिसी ने घोषणा की कि मंसूर नया नेता चुने जाने तक इस अरब देश के अंतरिम राष्ट्रपति होंगे। देश में मुर्सी को हटाने की मांग को लेकर जारी प्रदर्शनों के बीच सेना ने कल रात मुर्सी को अपदस्थ कर दिया था। मुर्सी ने करीब एक साल पहले पद संभाला था और वह लोकतांत्रिक तरीके से चुने जाने वाले पहले राष्ट्रपति थे।

मीडिया में आज आई खबरों में मुस्लिम ब्रदरहुड के दो वरिष्ठ सदस्यों के हवाले से कहा गया है कि 61 वर्षीय मुर्सी को उनके शीर्ष सहयोगियों के साथ एक सैन्य प्रतिष्ठान में रखा गया है । सेना ने भी मुर्सी की नजरबंदी की पुष्टि की है । मुस्लिम ब्रदरहुड के प्रवक्ता गेहाद अल हदाद ने कहा कि अपदस्थ राष्ट्रपति को काहिरा स्थित राष्ट्रपति रिपब्लिकन गार्ड मुख्यालय में ‘नजरबंद’ रखा गया है। उन्होंने बताया कि मुर्सी के कुछ करीबी सहयोगियों को भी नजरबंद रखा गया है।

इसके पूर्व सुरक्षाबलों ने मुर्सी और मुस्लिम ब्रदरहुड के अन्य अग्रणी नेताओं पर यात्रा प्रतिबंध लगा दिया था। मिस्र की पुलिस ने कहा कि उसे मुर्सी की मुस्लिम ब्रदरहुड पार्टी के 300 नेताओं और सदस्यों को गिरफ्तार करने का आदेश मिला है। मिस्र के सशस्त्र बलों के प्रमुख ने कल मुर्सी को राष्ट्रपति बनने के केवल एक साल बाद ही अपदस्थ कर दिया था। वह हुस्नी मुबारक के करीब तीन दशक के शासन के बाद 2012 में देश के पहले लोकतांत्रिक राष्ट्रपति चुने गए थे।

देश की सेना के कमांडर जनरल सिसी ने कल सरकारी टेलीविजन पर संविधान को निलंबित करने और सर्वोच्च संवैधानिक अदालत के प्रमुख मंसूर को अंतरिम राष्ट्र प्रमुख नियुक्त करने की घोषणा की। सिसी ने राष्ट्रपति पद पर और संसदीय चुनाव कराने, संविधान की समीक्षा के लिए एक समिति बनाने तथा एक राष्ट्रीय मेलमिलाप समिति बनाए जाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि रोडमैप पर कई राजनीतिक समूहों की सहमति है। यह कदम तब उठाया गया जब इस्लामी नेता मुर्सी ने राजनीतिक संकट के समाधान के लिए सेना द्वारा तय की गई 48 घंटे की समयसीमा खत्म होने के बाद पद छोड़ने से इनकार कर दिया। मिस्र के लाखों लोग मुर्सी के इस्तीफे की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए थे।

मुर्सी विरोधी प्रदर्शनों का केंद्र बने तहरीर चौक पर उस समय जश्न मना जब सेना ने राष्ट्रपति को अपदस्थ करने की घोषणा की। हालांकि, मुर्सी के फेसबुक पेज पर एक बयान में सेना के इस कदम की निन्दा की गई और इसे ‘सैन्य तख्तापलट’ करार दिया गया। मुर्सी के बयान में जोर देकर कहा गया कि वह राष्ट्र प्रमुख और सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर हैं।

सेना द्वारा मुर्सी को अपदस्थ किए जाने की घोषणा के बाद उनके समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई झड़प में कम से कम 10 लोग मारे गए। इसके साथ ही इस्लामी नेता के खिलाफ रविवार से भड़के प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या 50 हो गई है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, July 4, 2013, 19:23

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