इटली के पर्यटकों की रिहाई पर फिर संकट - Zee News हिंदी

इटली के पर्यटकों की रिहाई पर फिर संकट

ज़ी न्यूज ब्यूरो
भुवनेश्वर : ओडिशा में नक्सलियों द्वारा इटली के दो पर्यटकों को अगवा किए जाने के छह दिन बाद मंगलवार को बंधक संकट उस समय गहरा गया, जब प्रस्तावित तीन वार्ताकारों में से एक ने कहा कि वह नक्सलियों की ओर से मध्यस्थता नहीं करना चाहते।

 

नक्सलियों द्वारा नियुक्त वार्ताकारों में शामिल, मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता बिश्वप्रिय कानूनगो ने कहा कि वह मध्यस्थता के प्रस्ताव पर तभी विचार करेंगे, जब नक्सली और सरकार, दोनों उन्हें इस भूमिका में देखना चाहेंगे। कानूनगो ने कहा, ‘पिछले अनुभवों से पता चलता है कि राज्य सरकार अपनी बात को पूरा करने में विफल रही है। यदि सरकार बाद में पीछे हट जाती है तो वार्ता का हिस्सा बनना व्यर्थ होगा।’ गौरतलब है कि नक्सलियों ने अपनी 13 मांगों के लिए 24 घंटे की नई डेडलाइन का भी ऐलान किया जो आज शाम खत्म होगी।

 

ज्ञात हो कि खुद को सुनील बताने वाले एक नक्सली नेता ने सोमवार देर शाम कुछ चुनिंदा पत्रकारों को भेजे एक आडियो संदेश में मध्यस्थता के लिए तीन नामों की घोषणा की थी। इन मध्यस्थों में झारखण्ड की गिरिडीह जेल में कैद वरिष्ठ नक्सली नेता नारायण सान्याल, सामाजिक कार्यकर्ता दंडपाणि मोहंती और कानूनगो के नाम शामिल हैं। मोहंती और कानूनगो ओडिशा के रहने वाले हैं।

 

नक्सलियों ने एकतरफा संघर्ष विराम की भी घोषणा की है और राज्य की सीमा पर सक्रिय अन्य नक्सलियों से भी हिंसा बंद करने की अपील की है। सुनील ने यह भी कहा है कि जवाब देने के लिए सरकार को 20 मार्च की शाम तक का समय दिया गया है। इसके पहले रविवार सुबह नक्सलियों ने 18 मार्च की शाम तक का समय दिया था।

 

नक्सलियों ने कहा है कि बंधक सुरक्षित हैं और उन्हें नियमितरूप से भोजन व आराम सुलभ कराया जा रहा है। राज्य सरकार ने अभी तक नक्सलियों के ताजा प्रस्ताव का जवाब नहीं दिया है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बोसुस्को पाओलो और क्लाउडिओ कोलैंजेलो दो भारतीयों- संतोष मोहराना और कार्तिक परीदा के साथ 12 मार्च को चार दिवसीय यात्रा पर कंधमाल गए थे। दोनों भारतीय पुरी के निवासी हैं। 14 मार्च की सुबह वे एक नाले के पास बैठे हुए थे। उसी दौरान वहां छह-सात बंदूकधारी पहुंचे। वे चारों के हाथ बांध दिए और आंखों पर पट्टी बांध दी और लेकर जंगल चले गए। नक्सलियों ने कार्तिक और संतोष को तो 16 मार्च को रिहा कर दिया, लेकिन इटली के नागरिकों को बंधक बनाए रखा।

First Published: Tuesday, March 20, 2012, 14:44

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