उत्तर भारत में बारिश ने बरपाया कहर; भूस्खलन, बाढ़ से 60 से अधिक मरे

उत्तर भारत में बारिश ने बरपाया कहर; भूस्खलन, बाढ़ से 60 से अधिक मरे

उत्तर भारत में बारिश ने बरपाया कहर; भूस्खलन, बाढ़ से 60 से अधिक मरेज़ी मीडिया ब्‍यूरो/एजेंसी

नई दिल्ली : मॉनसून की भारी बारिश ने सोमवार को उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में कहर बरपाया। हरियाणा में यमुना के जलस्तर में चिंताजनक वृद्धि से यहां के कुछ हिस्सों में बाढ़ आ गई। इन सबसे 60 से अधिक लोगों की मौत हो गई, जबकि सैकड़ों लोग बाढ़ में फंस गए हैं।

उत्तराखंड में बीते 48 घंटों से लगातार जारी बारिश की वजह से गंगा और इसकी सहायक नदियों में अचानक आई बाढ़ से 37 लोगों की मौत हो गई और 34 लोग घायल हुए हैं। इसके अतिरिक्त करीब 164 इमारतें भी क्षतिग्रस्त हुई हैं।

देहरादून में आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने बताया कि राज्य के विभिन्न इलाकों में जारी भारी बारिश की वजह से सात लोग लापता हैं। वहीं एक हेलीकाप्टर सहित पांच वाहन भी पानी में बह गए।

उत्तर प्रदेश में भी बाढ़ का कहर जारी है जहां विभिन्न घटनाओं में 15 लोगों की मौत हो गई। उत्तराखंड में जारी भारी बारिश की वजह से पास के सहारनपुर जिले में अचानक बाढ़ आ गई।

पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) आरके विश्वकर्मा ने बताया कि बाढ़ में करीब 45 लोग फंस गए थे, जिन्हें वायुसेना के हेलीकॉप्टरों की मदद से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। हिमाचल प्रदेश के सीमाई जिले किन्नौर में लगातार जारी बारिश और हिमपात ने इलाके में तबाही मचा रखी है, जिससे 10 लोगों की मौत हो गई और करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है। राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और बचाव कार्यों के लिए सेना की मदद ली जा रही है।

यहां एक मकान पर चट्टान गिर जाने से तीन बच्चों सहित परिवार के पांच सदस्यों की मौत हो गई तथा तीन अन्य जगहों पर हुए भूस्खलन में पांच लोगों की मौत हो गई। किन्नौर जिले में कपड़ी से आगे का इलाका भूस्खलन की वजह से राज्य से कट गया है। यहां हिंदुस्तान-तिब्बत राष्ट्रीय राजमार्ग और इस तक पहुंचने वाली ज्यादातर सड़कें अवरूद्ध हो गई हैं, जिससे करीब 1700 लोग फंसे हुए हैं।

राज्य के मुख्य सचिव एस रॉय ने कहा कि मंडी लोकसभा सीट के लिए 23 जून को होने वाले उपचुनाव के चलते क्षेत्र में प्रचार कर रहे मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह सहित 700 से अधिक लोग सांगला घाटी में फंस गए हैं। उन्हें बचाने के लिए सेना की मदद मांगी गई है। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री को वहां से निकालने के लिए सरकारी हेलीकॉटर के उपयोग की इजाजत दे दी है, लेकिन खराब मौसम की वजह से यह वहां नहीं उतर पा रहा है। किन्नौर जिले में करीब 25 विदेशी और दूरदर्शन की एक टीम फंसी है।

मॉनसून की भारी बारिश ने सोमवार को उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में कहर ढाया। वहीं, हरियाणा के कुछ हिस्सों में बाढ़ आ गई। भारी बारिश की वजह से सैकड़ों लोग बाढ़ में फंस गए। वहीं, दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून ने समूचे उत्तर प्रदेश को ढ़क लिया है और पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य के अनेक इलाके मानूसनी बारिश से सराबोर हुए। कई इलाकों में वर्षा आफत बनकर बरसी और बारिशजनित हादसों में 15 लोगों की मौत हो गई। भारी बारिश के कहर से मरने वालों की संख्या में इजाफा होने की आशंका है क्योंकि उत्तराखंड में 50 लोग लापता हैं। चमोली जिले में अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की संख्या में वृद्धि हो सकती है क्योंकि इलाके के विभिन्न गांवों से करीब 50 लोगों के लापता होने की खबर है और बचाव अभियान जारी है। उन्होंने बताया कि केदारनाथ से लगे बासुकीताल में पांच शव बरामद किए गए हैं।

यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ सड़क मार्ग और पैदल मार्ग करीब एक दर्जन स्थानों पर पत्थर एवं मलबा गिरने से जाम है। उल्लेखनीय है कि पिछले 36 घंटे में हुई भारी बारिश के कारण कई मकान ध्वस्त हो गए वहीं भूस्खलन भी हुआ है। भारी बारिश के कारण गंगा और यमुना तथा उनकी सहायक नदियों में बाढ़ आ गयी और कई पुल, सड़कें और मकान बह गए।

उत्तराखंड में अधिकारियों ने भारी बारिश और उसकी वजह से हुए भूस्खलन के कारण यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की चार धाम की यात्रा आज दूसरे दिन भी स्थगित रखी। भारी बारिश के चलते वार्षिक कैलाश मानसरोवर यात्रा भी निलंबित कर दी गई है। गंगा की सहायक अस्सीगंगा में पानी बढ़ने से कई मकान बह गए। इनमें एक मंदिर और चार मंजिला एक इमारत भी शामिल है, जिसे पहले ही खाली करा लिया गया था। हिमाचल प्रदेश भी भारी बारिश के कहर का शिकार बना।

उधर, हिमाचल प्रदेश का आदिवासी किन्नौर जिला सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ। यहां भूस्खलन की घटनाओं से नौ लोगों की मौत हो गई। भूस्खलन से कई अहम सड़कें जाम हो गई हैं।

हरियाणा के कई इलाकों विशेषकर यमुनानगर जिले में भारी बारिश के कारण बाढ़ आ गई है। यमुना नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। ऐसे में अधिकारियों को आसपास के जिलों करनाल, पानीपत और सोनीपत में चेतावनी जारी करनी पड़ी। भारी बारिश से लबालब हो चुकी यमुना नदी का पानी तटीय इलाकों में जा रहा है। इससे जिले के कई निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

बारिश से यमुना के जलस्तर में जबर्दस्त इजाफा हुआ है। आज सुबह ही हथिनी कुंड बराज से आठ लाख क्यूसेक पानी का प्रवाह था। पास के जिलों करनाल, पानीपत और सोनीपत में चेतावनी जारी कर दी गई है।

First Published: Monday, June 17, 2013, 20:51

comments powered by Disqus