मुजफ्फरनगर हिंसा में नेताओं की भूमिका की होगी जांच

मुजफ्फरनगर हिंसा में नेताओं की भूमिका की होगी जांच

मुजफ्फरनगर हिंसा में नेताओं की भूमिका की होगी जांचमुजफ्फरनगर/लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में शनिवार को दो वर्गो के बीच भड़की हिंसा के पीछे कथित तौर पर कई नेताओं की भूमिका रही है और राज्य सरकार ने इसकी जांच का फैसला किया है। जिले में भड़की हिंसा में अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य के गृह विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि हम मुजफ्फरनगर में हुई हिंसा में नेताओं की भूमिका के साक्ष्य एकत्र कर रहे हैं। इस बात की भी जांच की जाएगी कि किन नेताओं के उकसाने पर इतने बड़े पैमाने पर लोग महापंचायत में शामिल होने पहुंचे, जिसके बाद हिंसा भड़की।

सरकार ने राज्य पुलिस की साइबर सेल को भी निर्देश दिया है कि सोशल साइट्स यू टयूब पर डाले गए उकसाने वाले और फर्जी वीडियो एकत्र किए जाएं। बताया जा रहा है कि इसी फर्जी वीडियो के प्रसार के बाद जिले में हिंसा फैली।

मुख्यमंत्री के एक करीबी ने बताया कि इस बात की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता है कि हिंसा में नेता शामिल रहे हों। जिले में हुई हिंसा को लेकर सोमवार को एक पुलिस निरीक्षक, एक पुलिस उप महानिरीक्षक, एक पुलिस महानिरीक्षक और मेरठ के आयुक्त को सोमवार को हटा दिया गया।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चार विधायकों -हुकुम सिंह, भारतेंदु, संगीत सोम और सुरेश राणा- के साथ ही कांग्रेस सांसद हरेंद्र मलिक के खिलाफ निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के लिए प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

मुजफ्फरनगर में फैली हिंसा को देखते हुए रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजित सिंह, पार्टी महासचिव जयंत सिंह, प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह को गाजियाबाद में यूपी गेट के पास उस समय रोक लिया गया, जब वे मुजफ्फरनगर जाने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान रालोद कार्यकर्ताओं और पुलिस की झड़प भी हुई।

रालोद के नेताओं के अलावा भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद को भी यूपी गेट के पास ही पुलिस ने रोक दिया। वह मुजफ्फरनगर जाने के लिए निकले थे। राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) अरुण कुमार ने कहा कि 1000 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जबकि 90 नामजद लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

इस बीच मुलायम सिंह के आवास पर मुख्यमंत्री और आला अधिकारियों की एक अहम बैठक चल रही है, जिसमें कोई अहम फैसला लिया जा सकता है।

शासन की नजर अब उन लोगों पर टिकी है, जिन्होंने प्रतिबंध के बावजूद पंचायत बुलाई थी। मुलायम सिंह के आवास पर मुख्यमंत्री और आला अधिकारियों की अहम बैठक चल रही है। सूत्रों के अनुसार, बैठक में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अलावा मुख्य सचिव जावेद उस्मानी, प्रमुख सचिव गृह आर. एम. श्रीवास्तव और पुलिस महानिदेशक देवराज नागर हिस्सा ले रहे हैं। (एजेंसी)

First Published: Monday, September 9, 2013, 18:29

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