Last Updated: Thursday, July 25, 2013, 12:25

बरेली: भ्रष्टाचार के खिलाफ देश में अलख जगाने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा कि उनकी लड़ाई सिर्फ जनलोकपाल तक सीमित नहीं है बल्कि उनका मकसद लोकतंत्र को वास्तविक अर्थो में लागू करना है। देश में आजादी के बाद जो जम्हूरियत लागू होनी थी उसे सियासी दलों ने आज तक प्रभावी नहीं होने दिया।
हजारे ने अपनी जनतंत्र यात्रा के दौरान यहां आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में कहा कि अब लड़ाई सिर्फ जनलोकपाल तक सीमित नहीं है, बल्कि लोकतंत्र को वास्तविक अर्थो में लागू करने की है। देश की आजादी के बाद जो लोकतंत्र लागू होना था उसे राजनीतिक दलों ने आज तक लागू नहीं होने दिया।
उन्होंने कहा कि इस समय देश में पक्ष तंत्र, पार्टी तंत्र, सरकार तंत्र और भ्रष्ट तंत्र चल रहा है। राजनीतिक दल चरित्र देखकर नहीं बल्कि धनबल और बाहुबल देखकर चुनाव का टिकट तय करते हैं। यही वजह है कि आज देश में 163 दागी सांसद हैं और 15 मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं।
हजारे ने कहा कि हमारी गलती यह है कि पार्टियां जिसे भी टिकट दे देती हैं, हम उसे चुन लेते हैं, इसीलिये नतीजे भुगत रहे हैं। हम सबको प्रतिज्ञा लेनी होगी कि गुंडे, भ्रष्टाचारी और व्याभिचारी को वोट नहीं देंगे, तभी लोकतंत्र सही मायने में ठीक हो जायेगा।
स्वयं द्वारा गठित इंडिया अगेंस्ट करप्शन का नाम बदलकर ‘जनतंत्र मोर्चा’ करने का एलान करते हुए उन्होंने कहा कि जनलोकपाल के लिये दिसम्बर में फिर से दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन किया जाएगा। इस बार नारा होगा ‘जनलोकपाल लाओ या जाओ।’ हजारे ने कहा कि उन्होंने समाज और देश के लिये लड़ते हुए मरने का व्रत लिया है। जनलोकपाल विधेयक पारित नहीं होने तक वह डटे रहेंगे, चाहे जान ही क्यों ना देनी पड़े। (एजेंसी)
First Published: Thursday, July 25, 2013, 12:25