Last Updated: Friday, October 7, 2011, 19:17
नई दिल्ली : राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रिया की अपनी यात्रा के बाद शुक्रवार देर शाम स्वदेश लौट आयीं. इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के शीर्ष नेताओं से बातचीत की और कर से संबंधित मामलों समेत द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की. इससे पहले स्विट्जरलैंड तथा ऑस्ट्रिया की अपनी आठ दिवसीय यात्रा से लौटते हुए एयर इंडिया वन के विशेष विमान में भ्रष्टाचार से निपटने में केंद्र सरकार के कदमों का समर्थन करते हुए राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने कहा कि सरकार लोकपाल विधेयक को पारित करने को लेकर गंभीर है.
भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष का नेतृत्व क्या संसदीय लोकतंत्र के नेतृत्व में होना चाहिए के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से यह सर्वश्रेष्ठ तरीका है और यह इसी तरह से होना चाहिए. ऐसा मुझे लगता है.’ उन्होंने कहा, ‘भारत सरकार अनेक कदम उठा रही है. विधेयक संसद के सामने है और सरकार लोकपाल विधेयक को पारित कराने को लेकर और उसे प्रभाव में लाने के लिए बहुत गंभीर है.’ राष्ट्रपति ने कहा कि इस बारे में कोई संदेह नहीं है. आरटीआई का उदाहरण देते हुए पाटिल ने कहा कि कई कदम उठाये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इतना बड़ा देश होने के बावजूद भारत आरटीआई को लागू कर रहा है यह बहुत महत्वपूर्ण बात है. उन्होंने स्विट्जरलैंड के साथ हाल ही में हुई दोहरी कराधान संधि के लिए प्रोटोकाल में संशोधन की भी बात की.
पाटिल की 30 सितंबर से चार अक्तूबर तक स्विट्जरलैंड की यात्रा के दौरान दोनों देशों ने वित्तीय संवाद पर एक सहमति पत्र पर दस्तखत किये जो उनके कर प्राधिकारों के बीच सहयोग का मार्ग प्रशस्त करेगा. पाटिल और उनकी स्विस समकक्ष मिशेलीन काल्मी.री की मौजूदगी में हुए समझौते से पहले दोहरे कराधान सहमति के प्रोटोकाल में संशोधन पर दस्तखत किये गये.
द्विपक्षीय वार्ता के दौरान स्विस पक्ष ने कहा कि वे यूरोपीय परमाणु अनुसंधान संगठन या सर्न की भारत की सदस्यता का पूरी तरह समर्थन करते हैं. पाटिल ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता के लिए भी स्विट्जरलैंड से समर्थन की मांग की. स्विस पक्ष ने कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुधारों का समर्थन किया है और भारत की स्थाई सदस्यता की आकांक्षा को वैध मानते हैं.
ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में पाटिल ने भारत-ऑस्ट्रिया बिजनेस फोरम मीट को संबोधित किया जहां उन्होंने विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया. ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति हींज फिशर से बातचीत के दौरान पाटिल ने उन्हें इस बात से अवगत कराया कि भारत पाकिस्तान के साथ रिश्तों को सामान्य करने की अपेक्षा करता है बशर्ते इसमें सकारात्मक कारक हों. उन्होंने कहा कि भारत ने चीन के साथ रिश्तों में विस्तार के लिए भी प्रयास तेज किये हैं.
(एजेंसी)
First Published: Saturday, October 8, 2011, 00:47