सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया टुंडा

सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया टुंडा

नई दिल्ली : लश्कर-ए-तय्यबा के बम विशेषज्ञ अब्दुल करीम टुंडा को दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को उस समय सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया, जब जांच अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तानी नागरिकों के अवैध घुसपैठ में कथित तौर पर उसकी मदद करने वालों की पहचान किया जाना अभी बाकी है।

वर्ष 1997 में विभिन्न बम विस्फोटों और पाकिस्तानी नागरिकों की भारत में घुसपैठ करने में कथित तौर पर मदद करने के सिलसिले में चार दिन की पुलिस हिरासत समाप्त होने पर टुंडा को मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अमित बंसल के समक्ष पेश किया गया।

दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने टुंडा की यह कहते हुए सात दिन की हिरासत मांगी कि उसे उत्तर प्रदेश के पिलखुआ में ले जाना है जहां से विस्फोटक पदार्थ बरामद किए गए थे और कुछ सह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने कहा कि पिलखुआ में सांप्रदायिक तनाव के कारण जब वह उनकी हिरासत में था तब वे शहर के भीतर नहीं जा सके।

उन्होंने यह भी कहा कि टुंडा का गिरफ्तार किए गए सह आरोपी अलाउद्दीन और मोहम्मद जकारिया से सामना कराया जाना है और अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए उसे पश्चिम बंगाल भी ले जाना है। अदालत ने कहा, ‘दरअसल, इन दलीलों और रिकॉर्ड के मद्देनजर आरोपी को सात दिन के लिए पुलिस हिरासत में रिमांड पर भेजा जाता है और 18 सितंबर को उसे अदालत में पेश करना होगा।’

पुलिस ने अपने आवेदन में कहा था कि हिरासत में पूछताछ के दौरान टुंडा ने खुलासा किया था कि मौलवी निजाम और मोहम्मद बसीरुद्दीन ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर पाकिस्तानी और बांग्लादेशी नागरिकों की अवैध घुसपैठ कराने में उसकी मदद की थी। उन्हें इन बम विस्फोट मामलों के सिलसिले में इससे पहले गिरफ्तार किया गया था।

उन्होंने कहा, ‘यह कहा जाता है कि आरोपी अब्दुल करीम टुंडा के संपर्क सूत्रों जिन्होंने मौजूदा मामले में गिरफ्तार पाकिस्तानी नागरिकों की अवैध घुसपैठ कराने में मदद की थी उनकी पश्चिम बंगाल के उत्तर दीनाजपुर में पहचान की जानी बाकी है।’ टुंडा को गत 16 अगस्त को भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया गया था। उसे इससे पहले समूचे देश में 37 बम विस्फोट मामलों के सिलसिले में पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत में भेजा गया था। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, September 11, 2013, 20:45

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