Last Updated: Tuesday, February 19, 2013, 19:09

हमीरपुर (हिमाचल प्रदेश) : हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने भाजपा के शासनकाल में हुए कथित फोन टैपिंग मामले की उच्च न्यायालय के किसी सेवारत न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कल कहा था कि एक समिति ने पाया है कि धूमल की अगुवाई वाली पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के शासनकाल में 1000 से अधिक राजनीतिज्ञों, नौकरशाहों और पत्रकारों की फोन टैपिंग हुई थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की जानकारी के बिना टैपिंग नहीं की जा सकती थी। धूमल तब गृह मंत्री भी थे।
धूमल ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से उन लोगों के नामों का खुलासा करने को कहा जिनके फोन कथित तौर पर टैप किए गए।
उन्होंने कहा ‘वीरभद्र सिंह ने तब कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं जताई जब उनके शासनकाल में मेरे और अन्य भाजपा नेताओं के फोन टैप किए गए।’ पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि टेलीग्राफ कानून 1885 के तहत असामाजिक तत्वों और उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए फोन टैपिंग पुलिस का विशेषाधिकार है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस 2010 से यह मुद्दा उठा रही है और उसने तत्कालीन राष्ट्रपति को एक पत्र लिख कर उसने मामले की जांच के लिए आग्रह भी किया था क्योंकि टेलीग्राफ विभाग केंद्र सरकार के अंतर्गत आता है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 19, 2013, 19:09