Last Updated: Monday, March 18, 2013, 15:10

चेन्नई : श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर तमिलनाडु में भावनाओं के उबाल पर होने के बीच मुख्यमंत्री जयललिता ने सोमवार को मांग की कि भारत यूएनएचआरसी में अमेरिका समर्थित प्रस्ताव में संशोधन का ‘ऐतिहासिक’ और ‘साहसिक’ कदम उठाये ताकि लोगों की ‘आहत भावनाएं शांत हो’ सकें।
उन्होंने कहा कि अपमान का बोध और आहत भावनाओं को शांत करने के लिए यह अहम है कि भारत संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 22वें सत्र में अमेरिका समर्थित प्रस्ताव के समर्थन में मजबूत रूख अपनाए और इससे भी जरूरी है कि वह प्रस्ताव को और मजबूत करने के लिए जरूरी निष्पक्ष संशोधन लाए। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि वह दो बार उनके सामने यह मुद्दा रख चुकी हैं, जिनमें से एकबार उन्होंने उनसे व्यक्तिगत तौर पर मिलकर यह मुद्दा उठाया था और कहा था कि जब तक तमिलों का पूरी तरह पुनर्वास नहीं हो जाता, नई दिल्ली को युद्ध अपराध और श्रीलंका पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने के मुद्दों को उठाने की जरूरत है।
तमिलों पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ मानवाधिकार उल्लंघन की एक निरंतर और दुखद गाथा है। (एजेंसी)
First Published: Monday, March 18, 2013, 15:10