अल्फांसो आम के आयात पर बैन का किया बचाव

अल्फांसो आम के आयात पर बैन का किया बचाव

मुंबई : यूरोपीय संघ (ईयू) ने अल्फांसो आम के आयात पर अपने प्रतिबंध का बचाव किया है लेकिन कहा कि गुणवत्ता नियंत्रण से संबंधित सभी मुद्दों की समीक्षा के बाद वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के बारे में सोच सकता है। उसने इस मुद्दे पर अपने उठाये गये कदम को लेकर उठे विवाद को ‘चुनावी राजनीति’ का परिणाम बताया।

यूरोपीय संघ के राजदूत जोओ क्राविन्हो ने यहां कहा कि स्थिति काफी सरल है। फलों की गुणवत्ता नियंत्रण की समस्याओं के संबंध में कुछ फाइलें 2010 में एक जांच दल की निगरानी के समय सामने आ गई थीं। उसके बाद ही चेतावनी जारी की गई थी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में अनुपालन को लेकर नियमित जांच की गई और कहा गया कि 6.8 महीनों में कुछ और व्यवस्था करने की जरूरत है पर फरवरी तक ऐसा नहीं हुआ।

वह आल इंडिया एसोसिएशन आफ इंडस्ट्रीज के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि यूरोपीय संघ भारतीय आमों को प्रतिबंधित नहीं करना चाहता। यह तात्कालिक प्रतिबंध है और मुझे उम्मीद है कि वर्ष 2015 में स्थितियों पर पुनर्विचार होगा। लेकिन उससे पहले भी स्थितियों की समीक्षा हो सकती है अगर बदलाव कर दिये जाते हैं। क्राविन्हो ने कहा कि प्रतिबंध से उपजा विवाद भारत में आम चुनावों और यूरोपीय संघ संसदीय चुनावों का परिणाम है। (एजेंसी)

First Published: Friday, May 9, 2014, 14:07

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