Last Updated: Tuesday, April 15, 2014, 17:50

नई दिल्ली : वैश्विक रेटिंग एजेंसी स्टेंडर्ड एंड पुअर्स (एसएंडपी) ने मंगलवार को कहा कि भारत के लिए उसकी वित्तीय साख (क्रेडिट रेटिंग) केंद्र में सत्तारूढ़ होने वाली नई सरकार की पार्टी से नहीं बल्कि उसके नीतिगत सुधारों की दशा व दिशा के आधार पर तय होगी।
रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि भारत सरकारी की वित्तीय स्थिति के बारे में उसकी रेटिंग पर नई सरकार के नीतिगत सुधारों की दशा व दिशा का अधिक असर होगा बजाय इसके लिए कौनसी पार्टी सत्ता में आती है।
इस समय भारत के लिए उसकी निवेश ग्रेड नकारात्मक रुख के साथ `बीबीबी` है। इसके अनुसार भारत में आम चुनावों के परिणाम से नई सरकार की आर्थिक वृद्धि को बल देने के लिए सुधारों के कार्यान्वयन की इच्छा व क्षमता, राजनीतिक स्थिरता का पता चल जाएगा।
आम चुनावों के परिणाम 16 मई को घोषित होंगे। नई सरकार के गठन के लिए किसी एक राजनीतिक पार्टी को लोकसभा की 543 सीटों में से 272 सीटों की जरूरत होगी। एसएंडपी के विश्लेषक किम इंग टान ने कहा, `हमारी राय में भारत में मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य से लगता है कि किसी एक पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल सकता।`
एजेंसी के अनुसार आगामी सरकार किस तरह के गठजोड़ पर बनती है यह भी महत्वपूर्ण होगा क्योंकि अगर कोई गठबंधन सरकार बनती है और जितने ज्यादा दल होंगे इसकी संभावना उतनी ही घटती जाएगी कि नीतियां आर्थिक वृद्धि को बल देने के अनुकूल होंगी। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 15, 2014, 17:50