फिल्म रिव्यू: मनोरंजन और एक्शन के फुलडोज से भरपूर हैं ‘बॉस’-`Boss` review: Fun-filled, hugely-enjoyable masala dossier

फिल्म बॉस की समीक्षा: मनोरंजन और एक्शन के फुलडोज से भरपूर हैं ‘बॉस’

फिल्म बॉस की समीक्षा: मनोरंजन और एक्शन के फुलडोज से भरपूर हैं ‘बॉस’ज़ी मीडिया ब्यूरो

नई दिल्ली: अक्षय कुमार बॉलीवुड में एक्शन और कॉमेडी के लिए जाने जाते हैं। बॉलीवुड के वह इकलौते ऐसे कलाकार हैं जिनकी फिल्मों ने अबतक 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की है। अक्षय मसाला और मनोरंजक फिल्मों के लिए जाने जाते हैं और उन्हें पता है कि उनके फैंस को मनोरंजन का कौन सा मसाला चाहिए। यही वजह है कि आज भी फिल्म उद्योग में उनका सिक्का बोलता है। वर्ष 2010 में रिलीज हिट मलयालम फिल्म ‘पोकिरी राजा’ का हिंदी रिमेक ‘बॉस’ नाम से बनाया गया है।

‘बॉस’ फिल्म का ‘बॉस’ यानी अक्षय कुमार यह बार बार कहते हैं कि ‘अपने को क्या है...अपने को सिर्फ पानी निकालना है...।’ उनके इस डायलाग पर खूब तालियां बजती है।

फिल्म ऐसे लड़के (अक्षय कुमार) की कहानी है, जिसे उसके अहिंसावादी पिता (मिथुन चक्रवर्ती) ने गलत समझा और उसे घर से निकाल दिया। नतीजतन उसे किसी और (डैनी) ने पाला। बड़ा होकर लड़का ‘बॉस’ बना। सही-गलत काम का ठेका लेने लगा। लड़के का छोटा भाई (शिव पंडित) है, जिसे पिता ने खूब प्यार दिया।

फिल्म की कहानी आगे बढ़ती है। एक वक्त ऐसा आता है जब पिता को भी बॉस’ की मदद लेनी पड़ी। यहां से ‘बॉस’ का पुलिस से पंगा शुरू हो गया। आखिर में बॉस की जीत हुई। भाई को प्यार मिला। पिता को अपनी गलती का एहसास हुआ।

फिल्म में कुछ खास नया नहीं है। लेकिन फिल्म में मनोरंजन का तड़का एक्शन और कॉमेडी के जरिए लगाया गया है। फिल्म की यूएसपी भी एक्शन सींस ही है क्योंकि पूरी फिल्म अक्षय के बॉसिज्म के इर्द गिर्द घूमती रहती है।

फिल्म में एंट्री लेने वाले अक्षय कुमार के आते ही सारे कलाकार साइड लाइन हो जाते हैं। अक्षय ने बॉस के किरदार को दिलचस्प बनाने की पूरी कोशिश की है, लेकिन कई बार वे भी असहज नजर आते हैं। इंटरवल के पहले वाला हिस्सा बेहद सुस्त और उबाऊ है। एक्शन फिल्मों की जो गर्मी होनी चाहिए वह नदारद है। इंटरवल के बाद एक्शन और संवाद जोर पकड़ते हैं और फिल्म में थोड़ी-बहुत पकड़ बनती है।

कुल मिलाकर अगर आप अक्षय की कॉमेडी और उनके जबरदस्त एक्शन को देखना चाहते हैं तो आपको यह फिल्म जरूरत देखनी चाहिए।

First Published: Wednesday, October 16, 2013, 17:20

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