Last Updated: Monday, January 13, 2014, 00:22
नई दिल्ली : कश्मीर में जनमत संग्रह को लेकर अपनी टिप्पणी से विवादों में आए आम आदमी पार्टी के नेता प्रशांत भूषण दोबारा विवादों में हैं। भूषण ने कथित तौर पर नक्सल प्रभावित इलाकों में माओवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की तैनाती को लेकर जनमत संग्रह कराने की मांग की है जिसके बाद भाजपा ने आज उनकी आलोचना की।
भूषण के पिछले बयान से उनकी आप पार्टी ने दूरी बना ली थी। भूषण ने कथित तौर पर कल नक्सल प्रभावित इलाकों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती के मुद्दे पर जनमत संग्रह कराने की मांग की थी। भाजपा की प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस तरह के बयानों से राज्य सरकारों की मदद से नक्सलवाद की समस्या के निपटारे की कोशिश में लगे केंद्र के प्रयास कमजोर होंगे और सुरक्षा बल हतोत्साहित होंगे।
पार्टी ने आप नेतृत्व और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से मुद्दे पर अपना रूख साफ करने की मांग की। भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘भाजपा इन मुद्दों पर प्रशांत भूषण के बयानों से चकित है जिनका राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कल ही नक्सल प्रभावित इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर जनमत संग्रह कराने की मांग की थी। भाजपा बार-बार दिए जा रहे ऐसे बयानों की निंदा करती है जिनका आंतरिक सुरक्षा से सीधा संबंध है।’
उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने खुद ही नक्सलियों को देश की आतंरिक सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा बताया है, इस तरह के बयान देश के लिए अच्छे नहीं हैं। सीतारमण ने कहा, ‘भारत सरकार के खिलाफ युद्ध कर रहे माओवादियों और नक्सलियों से जूझ रहे सुरक्षा बलों को हतोत्साहित करने का हमें कोई हक नहीं है।’ उन्होंने कहा कि आप नेतृत्व और दिल्ली के मुख्यमंत्री को इस मुद्दे पर अपना रूख साफ करना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Monday, January 13, 2014, 00:22