Last Updated: Saturday, November 23, 2013, 23:33
नई दिल्ली : कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ इस वर्ष पारित हुए ऐतिहासिक कानून पीड़ितों को वास्तविक स्तर पर न्याय दिलाने के मामले में अभी तक ठोस स्वरूप नहीं ग्रहण कर पाया है क्योंकि इसके तहत बनाये जाने वाले नियम कानून मंत्रालय तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के बीच चक्कर खा रहे हैं।
कानून मंत्रालय का दावा है कि उसे अभी तक नियमों की अंतिम प्रति नहीं मिली है जबकि महिला एवं कानून मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने इन निमयों को अंतिम रूप देने के लिए कानून मंत्रालय के साथ लंबा विचार विमर्श किया है।
संसद ने इस साल अप्रैल में कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न (रोकथाम एवं निस्तारण) कानून 2013 पारित किया था। संपर्क किये जाने पर कानून मंत्रालय ने आज स्पष्ट किया कि नियम उसके पास विचाराधीन नहीं हैं तथा उसे महिला एवं कानून मंत्रालय से इसकी अंतिम प्रति की प्रतीक्षा है।
बताया जाता है कि सचिव (विधायी विभाग) पी के मल्होत्रा ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में अपनी समकक्ष नीता चौधरी को पत्र लिखकर स्पष्ट किया है कि नियम बनाये जाने का मामला उनके मंत्रालय में लंबित नहीं है।
समझा जाता है कि कानून मंत्रालय ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का ध्यान इस ओर दिलाया है कि नियमों की अंतिम प्रति उसके विधायी विभाग को अधिसूचित करने के लिए नहीं सौंपी गयी है।
इस बीच महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की सचिव नीता चौधरी ने पुष्टि की है कि दोनों मंत्रालयों के बीच पत्राचार हुआ है तथा नियमों को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, हमें विधायी विभाग के सचिव से पत्र मिले हैं लेकिन नियमों को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि दोनों मंत्रालय नियमों को अंतिम रूप देने के लिए लंबा विचार विमर्श कर रहे हैं। इस कानून के तहत 10 या इससे अधिक कर्मचारी वाले सभी कंपनियों के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वे यौन उत्पीड़न मामलों से निबटने के लिए एक आंतरिक शिकायत समिति बनाये।
तहलका के संयोजक तरूण तेजपाल के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की रोशनी में नियमों को अधिसूचित करने में हुआ विलंब इस लिए महत्व रखता है क्योंकि उनकी कंपनी में इस तरह की समिति का गठन नहीं किया गया था। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि नियम अधिसूचित होते तो तेजपाल को मामले में और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता था। (एजेंसी)
First Published: Saturday, November 23, 2013, 23:33