Last Updated: Monday, October 7, 2013, 19:26

हैदराबाद : स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा को उनके ऊपर आजीवन प्रतिबंध लगाने के कथित कदम के संदर्भ में भारतीय बैडमिंटन संघ (बाई) से कोई सूचना नहीं मिली है लेकिन उनके पिता क्रांति ने सोमवार को यहां कहा कि उनकी बेटी इस बारे में आधिकारिक सूचना मिलने पर कानून की शरण लेगी।
क्रांति ने यहां प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा, ‘वह डटकर सामना करेगी और अपना पक्ष रखेगी।’ इस दौरान ज्वाला के कोच एसएम आरिफ और क्लीन स्पोर्ट्स इंडिया के राष्ट्रीय समंवयक बीवीपी राव भी इस खिलाड़ी के साथ एकजुटता दिखाने के लिए मौजूद थे।
हैरानी भरे फैसले में बीसीसीआई के अनुशासन पैनल ने हाल में संपन्न इंडियन बैडमिंटन लीग के दौरान बंगा बीट्स के खिलाफ अपनी फ्रेंचाइजी क्रिस दिल्ली स्मैशर्स के कुछ खिलाड़ियों को खेलने से रोकने का प्रयास करने के आरोप में ज्वाला पर आजीवन प्रतिबंध की सिफारिश की थी।
पच्चीस अगस्त को हुए इस मुकाबले के दौरान विवाद हो गया था जब दिल्ली स्मैशर्स ने बंगा बीट्स के अंतिम लम्हों में चोटिल एकल खिलाड़ी हू युन को डेनमार्क के जान जोर्गेनसन से बदलने पर मैच से हटने की धमकी दी थी।
इस घटना के बारे में ज्वाला के पिता ने कहा कि ज्वाला पर दोष मढ़ना सही नहीं है क्योंकि मैच की शुरुआत में विलंब उन्होंने नहीं किया था।
जाने माने कोच आरिफ हैरान हैं कि अनुशासनात्मक कार्रवाई सिर्फ ज्वाला के खिलाफ ही क्योंकि हो रही है और टीम प्रबंधन को क्यों छोड़ दिया गया। आरिफ ने कहा, ‘रात सवा सात बजे टीम दी गई और आठ बजे मैच शुरू होना था। आठ बजे से ठीक पहले विरोधी टीम ने अपनी टीम बदल दी। जब टीम बदली गई तो स्वाभाविक तौर पर दिल्ली के प्रायोजकों ने टीम का कप्तान होने के नाते उन्हें टीम नहीं उतारने की सलाह दी।’
उन्होंने कहा, ‘कप्तान के रूप में उसे प्रायोजकों के नियम और कानून मानने थे क्योंकि वे टीम के लिए जिम्मेदार हैं। उसने खिलाड़ियों के हस्ताक्षर लिए कि इस मुद्दे के नहीं सुलझने तक वह कोर्ट पर नहीं उतरेंगे और इसके बाद कार्रवाई की। अंतत: मैच में विलंब हुआ। लेकिन अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए सिर्फ उसे कैसे चुना जा सकता है। उन्हें अगर कुछ पूछना है तो प्रायोजकों से पूछें।’ (एजेंसी)
First Published: Monday, October 7, 2013, 19:26