दिल्‍ली में गतिरोध कायम; बीजेपी दोबारा चुनाव के लिए तैयार, 'आप' को समर्थन का मन बना रही कांग्रेस

दिल्‍ली में गतिरोध कायम; बीजेपी दोबारा चुनाव के लिए तैयार, 'आप' को समर्थन का मन बना रही कांग्रेसज़ी मीडिया ब्‍यूरो

नई दिल्ली : दिल्ली में चुनाव परिणामों में त्रिशंकु विधानसभा आने के दो दिन बाद भी मंगलवार को सरकार गठन को लेकर कोई हल नहीं निकला एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा आम आदमी पार्टी (आप) विपक्ष में बैठने के अपने कड़े रूख से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हुई तथा दोनों ने ही कहा कि वे गतिरोध खत्म करने के लिए ताजा चुनाव पसंद करेंगी। उधर, कांग्रेस पार्टी दिल्ली की सत्ता से 'सांप्रदायिक तत्वों' को दूर रखने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) को 'बिना शर्त' समर्थन देने का मन बना रही है। पार्टी सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। दिल्ली में पार्टी के कई नेताओं का सुझाव है कि आप को बिना शर्त बाहर से समर्थन दिया जाए। हम सांप्रदायिक तत्वों को दूर रखना चाहते हैं।

भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने एक बैठक में अपने 31 नवनिर्वाचित विधायकों से अगले कुछ महीने में चुनाव के लिए तैयार हो जाने को कहा। उधर, आप के अरविंद केजरीवाल ने भी घोषणा की कि उनकी पार्टी फिर से जनादेश हासिल करने के लिए तैयार है। औपचारिक रूप से विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हषर्वर्धन ने कहा कि पार्टी के पास संख्याबल नहीं है एवं वह चुनाव का सामना करने के लिए तैयार है।

अपनी पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों के साथ बैठक के बाद हषर्वर्धन ने संवाददाताओं से कहा कि स्थिर सरकार बनाने के लिए हमारे पास पर्याप्त संख्या नहीं है और हम एक बार फिर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। भाजपा (31) ने अपने सहयोगी अकाली दल (1) के साथ मिलकर 70 सदस्यीय विधानसभा में 32 सीटें हासिल की हैं जबकि आप को 28 सीटें मिली हैं। कांग्रेस आठ पर ही सिमट गयी है। जदयू को एक सीट मिली जबकि मुंडका सीट निर्दलीय के खाते में गई है। आप के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक के बाद केजरीवाल ने कहा कि हम इसके लिए (पुनर्चुनाव) तैयार हैं। हम सरकार गठन के लिए न तो भाजपा से और न ही कांग्रेस से समर्थन लेंगे और न ही उन्हें समर्थन देंगे।

इस चुनाव के विपरीत अगला चुनाव भाजपा और आप के बीच लड़ा जाएगा क्योंकि कांग्रेस बुरी तरह हार गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा को जनादेश मिला है। वह सबसे बड़ा दल है। अतएव उसे कांग्रेस से समर्थन लेकर सरकार बनाने का प्रयास करना चाहिए।

इसी बीच चुनाव आयोग ने दिल्ली विधानसभा चुनाव का परिणाम आज घोषित कर दिया जिसके साथ ही उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा सरकार गठन की दिशा में औपचारिक प्रक्रिया शुरू करने का मार्ग प्रशस्त हो गया। माना जा रहा है कि जंग सरकार बनाने के लिए भाजपा को बुला सकते हैं। यदि भाजपा सरकार बनाने की पेशकश ठुकरा देती है तो वह आप से पूछ सकते हैं कि क्या वह सरकार बनाने की संभावना तलाशने के लिए इच्छुक हैं।

उधर, कांग्रेस पार्टी दिल्ली की सत्ता से 'सांप्रदायिक तत्वों' को दूर रखने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) को 'बिना शर्त' समर्थन देने का मन बना रही है। पार्टी सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पार्टी के एक सूत्र ने बताया कि दिल्ली में पार्टी के कई नेताओं का सुझाव है कि आप को बिना शर्त बाहर से समर्थन दिया जाए। हम सांप्रदायिक तत्वों को दूर रखना चाहते हैं। मंगलवार को ही इससे पहले पार्टी महासचिव शकील अहमद ने बताया कि दिल्ली में पार्टी नेताओं का मानना है कि 'आप' को बिना शर्त समर्थन दिया जाए।

शकील अहमद ने आगे कहा कि लेकिन हम इसके लिए पहले चुनकर आए अपने विधायकों की राय जानेंगे। इसके बाद हम पार्टी हाईकमान से विचार-विमर्श करने के बाद निर्णय लेंगे। शाम में शकील और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जेपी अग्रवाल ने दिल्ली से चुनकर आए सभी आठ विधायकों के साथ बैठक की। अहमद से जब पूछा गया कि इस बैठक का 'आप' को समर्थन देने से क्या कोई संबंध था, अहमद ने कहा कि हम उन्हें बधाई देना चाहते हैं।

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दक्षिण अफ्रीका से लौटने के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। सोनिया दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के श्रद्धांजलि समारोह में हिस्सा लेने गई हैं। दूसरी तरफ 'आप' ने मंगलवार को फिर दोहराया कि वह सरकार बनाने के लिए कांग्रेस या भाजपा से न तो समर्थन लेगी और न ही देगी।
First Published: Tuesday, December 10, 2013, 19:41

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