Last Updated: Saturday, November 23, 2013, 16:10
एजल : मिजोरम ने हिंसा रहित चुनाव अभियान के जरिए एक उदाहरण पेश किया है क्योंकि 25 नवंबर को होने वाले विधान सभा चुनावों के मद्देनजर ऐसी कोई हिंसात्मक घटना नहीं हुई।
राज्य के डीजीपी अमूल्य पटनायक ने बताया, ‘पिछले कई सालों से मिजोरम में चुनाव हमेशा से ही ज्यादा या कम शांतिपूर्ण रहा है। इस साल भी अभियान के दौरान एक भी हिंसात्मक घटना की सूचना नहीं मिली। यह काफी शांतिपूर्ण रहा।’ पटनायक ने कहा कि हिंसारहित चुनाव अभियान होने के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण यह है कि अभियान पर शक्तिशाली प्रेसबाईटेरियन चर्च द्वारा कड़ी निगरानी रखी जाती है। प्रेसबाईटेरियन चर्च पर मिजोरम पीपुल्स फोरम का नियंत्रण है और वे राजनीतिक दलों के लिए क्या करें क्या न करें की सूची तैयार करता है।
एमपीएफ अध्यक्ष रेव लालरामलियम पचाउ ने बताया, ‘हम किसी भी तरह की हिंसा का समर्थन नहीं करते। हमारे राज्य स्तर, जिला स्तर और स्थानीय स्तर पर एमपीएफ का मंच है जो किसी भी तरह की गलत क्रियाकलापों और हिंसा फैलाने वाले किसी भी तरह के प्रयासें पर कड़ी निगरानी रखता है।’ मुख्य चुनाव अधिकारी अश्विनी कुमार भी इस बात से सहमत हैं कि जब से चुनाव आचार संहिता लागू हुई उस दिन से ही अभियान शांतिपूर्ण रहा।
कुमार ने कहा, ‘अब तक किसी तरह की हिंसात्मक घटना नहीं हुई। लेकिन हां यह भी सच है कि हमें रिश्वतखोरी की सूचनाएं जरूर मिली हैं।’ तीन दशक पहले मिजोरम की हालत ऐसी नहीं थी। मिजोरम में 60 के दशक से पूर्व विद्रोह का इतिहास रहा है और तब ऐसी हालत नहीं थे। 80 के दशक के अंत में भी हिंसा और खूनी संघर्ष द्वारा माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जाती थी। (एजेंसी)
First Published: Saturday, November 23, 2013, 16:10