दिल्ली महिला आयोग ने सोमनाथ भारती को भेजा सम्मन

दिल्ली महिला आयोग ने सोमनाथ भारती को भेजा सम्मन

दिल्ली महिला आयोग ने सोमनाथ भारती को भेजा सम्मन नई दिल्ली : दिल्ली महिला आयोग ने हाल में दक्षिण दिल्ली में युगांडा की कुछ महिलाओं के घर में आधी रात को छापेमारी के दौरान उनसे मारपीट करने के आरोप को लेकर दिल्ली के विधि मंत्री सोमनाथ भारती को अपने सामने पेश होने का सम्मन भेजा है।

दिल्ली महिला आयोग :डीसीडब्ल्यू: की अध्यक्ष बरखा सिंह ने बुधवार को कहा कि आयोग के सामने दर्ज कराई गई अपनी शिकायतों में युगांडा की पांच महिलाओं ने 15 जनवरी की रात को मंत्री एवं उनके सहयोगियों पर अपने साथ मारपीट करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि हमने उनसे कल आयोग के सामने पेश होने को कहा था लेकिन वह नहीं आए। हम संबंधित थाना प्रभारी के माध्यम से उन्हें फिर सम्मन भेजेंगे। अगर वह नहीं आते तो हम उपराज्यपाल और दिल्ली के पुलिस आयुक्त को पत्र लिखेंगे। सिंह ने कहा कि युगांडा की तीन महिलाओं ने कहा कि कुछ अज्ञात लोग मध्यरात्रि में बलपूर्वक उनके घर में घुस आए, फिर उनके पासपोर्ट मांगे और उनके सूटकेस की तलाशी लेनी शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि इन महिलाओं ने आरोप लगाए कि सूटकेस की चाबी ढूंढ़ने के लिए उनके कपड़े उतरवाए गए।

सिंह ने कहा कि इनमें से दो महिलाओं ने कहा कि काम से लौटते समय उन्हें रोका गया और टैक्सी में बैठे हुए ही उन्हें मूत्र के नमूने देने के लिए मजबूर किया गया। 15 जनवरी की रात को भारती और आप के स्वंयसेवक खिड़की एक्सटेंशन पहुंच गए और नाइजीरिया एवं युगांडा के नागरिकों के घरों पर छापे मारे। भारती ने कहा कि उन्हें इलाके में देह व्यापार एवं मादक पदाथरें के एक गिरोह के सक्रिय होने की जानकारी मिली थी जिसके बाद छापेमारी की गई।

एनसीडब्लू अध्यक्ष ममता शर्मा ने कहा कि यूगांडा की महिला द्वारा सीडी में भारती की पहचान की पुष्टि के बाद अब यह साफ हो चुका है कि घटनास्थल पर वह मौजूद थे। शर्मा ने कहा कि भारती को इस्तीफा दे देना चाहिए अथवा इस्तीफे के लिए कहा जाना चाहिए। एक महिला के घर में जाने और इस तरह की हरकत करने का उनका अधिकार नहीं है। उन्हें खुद ही इस्तीफा दे देना चाहिए। कार्यकर्ताओं ने कहा कि दिल्ली पुलिस को निश्चित तौर पर संविधान के प्रति जवाबदेह होना चाहिए लेकिन मंत्रियों और भीड़ की आज्ञा का पालन करने के लिए नहीं। पत्र में कहा गया है कि यूगांडा की इन महिलाओं ने आरोप लगाया है कि उन्हें मारा पीटा गया और उनके साथ र्दुव्‍यवहार हुआ। किस आधार पर आप इन आरोपों को फर्जी बता रहे हैं? क्या सरकार का तर्क है कि केवल ‘मां, बहन, बेटी’ ही सुरक्षा और गरिमा की हकदार हैं और क्या वेश्याओं को नैतिकता का हवाला देने वाली भीड़ की दया पर छोड़ दिया जाए।

इसमें कहा गया है कि बिना किसी और सबूत के क्या महिलाओं को सिर्फ उनकी नस्ल और राष्ट्रीयता के कारण ड्रग टेस्ट के लिए मजबूर किया जा सकता है। पत्र के मुताबिक, अफ्रीकियों और उनके भारतीय दोस्तों के मुताबिक, मालवीय नगर थाना प्रभारी विजय पाल ने छापे की रात अफ्रीकी महिला को बचाने के लिए कदम उठाया। आज इस थाना प्रभारी को मंत्री के आदेश का पालन नहीं करने के लिए दंडित किया जा रहा है। मंत्री चाहते थे कि अंधाधुंध तरीके से सभी अफ्रीकी नागरिकों के घर पर छापा मारा जाए।

First Published: Wednesday, January 22, 2014, 15:34

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