Last Updated: Wednesday, October 30, 2013, 12:30
उन्नाव/लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिला स्थित डौंडियाखेड़ा में राजा रावबक्श सिंह के किले में कथित खजाने की खोज में खुदाई कर रही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम को 12 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद अब तक सोना नहीं मिला है। अब किले के दूसरे छोर पर खुदाई की जाएगी। एएसआई अधिकारियों ने मौजूदा ब्लॉक (स्थल) की खुदाई बंद करने का निर्णय लिया है। एएसआई के महानिदेशक प्रवीण श्रीवास्तव की तरफ से कहा गया है कि मौजूदा ब्लॉक में अब तक खुदाई में न तो सोना मिला और न ही कोई अन्य धातु।
उन्होंने कहा कि अब किले के दूसरे छोर पर गंगा नदी के किनारे खुदाई की जाएगी। एएसआई सूत्रों के मुताबिक, मौजूदा ब्लॉक में अब तक की गई करीब 16 फुट गहरी खुदाई के बाद पथरीली मिट्टी मिल रही है, जिससे अब नीचे किसी भी धातु का मिलना लगभग नामुमकिन है।
एएसआई अधिकारियों ने कहा कि खुदाई में मिला रसोई का चूल्हा, हड्डियां, कीलें, मिट्टी के बर्तन आदि का परीक्षण किया किया जा रहा है। ये सारी चीजें पुरातात्विक महत्व की हो सकती हैं।
डौंडियाखेड़ा में बुधवार को खुदाई का काम बंद रहेगा। खुदाई स्थल पर सुरक्षा के पूर्व की तरह पुख्ता इंतजाम हैं। उधर सोना दबा होने का सपना देखने वाले बाबा शोभन सरकार की तरफ से अभी भी जमीन के नीचे सोना होने का दावा किया जा रहा है।
गौरतलब है कि शोभन सरकार के सपने के आधार पर एएसआई अधिकारी डौंडियाखेड़ा में राजा रावबख्श सिंह के खंडहरनुमा किले की विगत 18 अक्टूबर से खुदाई कर रहे हैं। सोना मिलने की संभावना क्षीण होती देख एएसआई की तरफ से बाद में साफ किया गया कि खुदाई सोने के लिए नहीं बल्कि सांस्कृतिक अवशेषों के लिए की जा रही है।
First Published: Wednesday, October 30, 2013, 12:30