Last Updated: Friday, March 7, 2014, 18:44
हैदराबाद : साल 2004 के बाद से हर लोकसभा चुनावों के समय आंध्र प्रदेश में एक-दो नई राजनीतिक पार्टियों का पदार्पण होता रहा है। साल 2004 में जहां तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की स्थापना हुई थी वहीं 2009 में प्रजा राज्यम पार्टी (पीआरपी) का गठन हुआ। इसी तरह 2014 में युवजन श्रमिका रिथु कांग्रेस (वाईएसआरसी) की स्थापना होने वाली है।
इसके अलावा, पूर्व मुख्यमंत्री एन किरन कुमार रेड्डी ने भी एक राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा की है जिसके नाम का ऐलान अभी नहीं किया गया है। राज्य की सत्ता की बुलंदियों को छूने के मकसद से ये पार्टियां बनाई गई हैं। हालांकि, सार्वजनिक तौर पर इन पार्टियों के गठन की जो दलीलें दी जाती हैं, वे अलग होती हैं। टीआरएस की शुरुआत 2001 में एक ‘आंदोलन’ के तौर पर हुई थी जिसका मकसद अलग तेलंगाना राज्य की स्थापना था। उसने अपने लक्ष्य को पाने के लिए 2004 में राजनीति में कदम रखा। यह संगठन राज्य के एक खास हिस्से तक सिमटा रहा है और इसका राजनीतिक ग्राफ पिछले कुछ समय से घटता-बढ़ता रहा है।
अब तेलंगाना राज्य एक हकीकत बन जाने के बाद टीआरएस पूरी तरह एक राजनीतिक पार्टी बन गयी है और उसे चुनावों में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। इसी तरह, तेलुगु फिल्मों के सुपरस्टार के. चिरंजीवी ने प्रजा राज्यम पार्टी बनाई। उन्होंने वादा किया था कि उनकी पार्टी राज्य में कांग्रेस और तेलुगु देशम पार्टी का मजबूत विकल्प पेश करेगी। प्रजा राज्यम पाटी अपने मकसद में कामयाब तो नहीं हो पाई पर उसने तेलुगु देशम पार्टी का चुनावी खेल जरूर बिगाड़ दिया। चार साल से भी कम समय में प्रजा राज्यम पार्टी का 2012 में सत्ताधारी कांग्रेस में विलय हो गया। (एजेंसी)
First Published: Friday, March 7, 2014, 18:44