दिल्ली विधानसभा भंग करने में राष्ट्रपति पर कोई कानूनी बाधा नहीं: सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली विधानसभा भंग करने में राष्ट्रपति पर कोई कानूनी बाधा नहीं: सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली विधानसभा भंग करने में राष्ट्रपति पर कोई कानूनी बाधा नहीं: सुप्रीम कोर्टनई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली में नए सिरे से चुनाव का रास्ता साफ करने की खातिर विधानसभा भंग करने के संबंध में राष्ट्रपति के सामने कोई कानूनी बाधा नहीं है। न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने हालांकि स्पष्ट किया कि इस संबंध में वह कोई निर्देश नहीं जारी कर रही है और यह राष्ट्रपति पर है कि वह तथ्यों और परिस्थिति के आधार पर फैसला करें।

इस पीठ में न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ भी थे। पीठ ने कहा कि हम स्पष्ट करते हैं कि 16 फरवरी की घोषणा को वापस लेने के लिए राष्ट्रपति पर कोई बाधा या बंधन नहीं है, अगर वह फैसला मौजूदा तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर किया गया है। न्यायालय ने कहा कि हम सिर्फ कानूनी स्थिति स्पष्ट कर रहे हैं और क्या करना है तथा किस प्रकार करना है, इसका फैसला राष्ट्रपति द्वारा किया जाना है।

न्यायालय द्वारा आदेश जारी किए जाने के पहले कांग्रेस, भाजपा, आप और केंद्र के वकीलों ने इस मुद्दे पर सहमति जतायी कि घोषणा वापस लिए जाने के संबंध में राष्ट्रपति और उपराज्यपाल की ओर से कोई बाधा नहीं है। पीठ ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए जिससे विधानसभा में ‘आया राम, गया राम’ को बढ़ावा मिलता हो। इसने कहा कि यह अपनी कार्यवाही संवैधानिक मुद्दों तक सीमित रख रही है और राजनीतिक मुद्दों से परहेज करेगी। (एजेंसी)

First Published: Thursday, April 17, 2014, 19:59

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