Last Updated: Saturday, May 3, 2014, 19:48

काहिरा : मिस्र की एक अदालत ने सत्ता से हटाए गए इस्लामिक राष्ट्रपति मोहम्मद मुरसी के 102 समर्थकों को 10 वर्ष कारावास और दो अन्य को सात वर्ष कारावास की सजा आज सुनायी। इन सभी को हत्या और दंगा करने के दोष में सजा सुनायी गयी है।
देश की सेना द्वारा तख्ता पलट कर मुरसी को राष्ट्रपति पद से हटाए जाने के बाद पिछले वर्ष जुलाई में काहिरा में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान इन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। यह सभी वर्तमान में प्रतिबंधित संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड के सदस्य हैं।
‘अहराम ऑनलाइन’ की खबर के अनुसार, उन सभी पर हत्या का प्रयास, हत्या के लिए उकसाना, दंगा करना, हिंसा की धमकी देना और निजी तथा सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना आदि का आरोप था।
‘काहिरा फौजदारी अदालत’ ने मुरसी के 102 समर्थकों को 10 वर्ष कारावास और दो अन्य को सात वर्ष कारावास की सजा सुनायी। सामूहिक मुकदमों की सुनवायी की श्रृंखला में यह नयी कड़ी है। इससे मई के अंत में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले तनाव पैदा होने की आशंका है।
तख्ता पलट के बाद सेना ने अंतरिम सरकार का गठन किया है जिसने ब्रदरहुड के शीर्ष नेताओं सहित मुरसी के हजारों समर्थकों को गिरफ्तार कर पिछले वर्ष जुलाई से ही उनके खिलाफ सामूहिक मुकदमा चलाया जा रहा है।
मुरसी समर्थकों ने मिस्र की अंतरिम सरकार को मानने से इनकार कर दिया था और लगातार नौ महीने तक रोज प्रदर्शन करते रहे। यह प्रदर्शन अकसर पुलिस और राजनीतिक विपक्षियों के साथ हिंसक झड़प से समाप्त होते थे।
ब्रदरहुड के शीर्ष नेताओं सहित हजारों लोग अभी भी जेल में बंद हैं और विभिन्न आरोपों में मुकदमों का सामना कर रहे हैं। इनमें से कई लोगों को दोषी साबित होने पर मौत की सजा भी मिल सकती है।
पिछले सप्ताह मिन्या की एक अदालत ने ब्रदरहुड के 70 वर्षीय प्रमुख मोहम्मद बदी सहित 683 इस्लामिक समर्थकों को मौत की सजा सुनायी थी।
पिछली जुलाई से अभी तक करीब 16,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, May 3, 2014, 19:48