Last Updated: Wednesday, March 12, 2014, 18:00

नई दिल्ली : मलेशिया ने 239 यात्रियों के साथ लापता अपने विमान का पता लगाने के लिए राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा मदद की पेशकश किए जाने के बाद भारत से मदद मांगी है और भारत सरकार ने इस मामले को आगे बढ़ाने के मकसद से सूचनाओं को साझा करने के लिए उचित अधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है । मलेशिया ने कल विमान का पता लगाने के लिए भारत से मदद मांगी थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत के राष्ट्रपति ने कल मलेशिया के शासनाध्यक्ष को पत्र लिखकर मदद की पेशकश की थी। इसके बाद उन्होंने मदद मांगी। हम मदद के लिए तैयार हैं । हम मलेशिया के साथ समन्वय के तहत काम कर रहे हैं । प्रवक्ता ने कहा कि हम इस मुद्दे को देखने और इस संबंध में सूचनाओं को साझा करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए विशेष अधिकारियों को नियुक्त कर रहे हैं।
बीजिंग जाने वाले मलेशिया एयरलाइंस के विमान बोइंग 777 में पांच भारतीयों समेत 239 लोग सवार थे । यह विमान कुआलालम्पुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के एक घंटे बाद शुक्रवार को दक्षिण चीन सागर के उपर से गुजरते समय लापता हो गया था। लापता विमान की खोजबीन के इलाके के दायरे को अंडमान सागर तक बढ़ाए जाने के बीच मलेशिया ने भारत से मदद की अपील की है ।
भारत की अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में तीन स्तरीय सैन्य कमान मौजूद है तथा नौसेना और वायुसेना इलाके में नियमित रूप से गश्त करती हैं । शुक्रवार को विमान के लापता होने के बाद से शनिवार की सुबह से चलाया जा रहा सघन खोजबीन अभियान दक्षिणी चीन सागर में विमान का पता लगाने में विफल रहा है और प्रशासन ने खोजबीन के दायरे को अंडमान सागर तक बढ़ा दिया है । मलेशियाई अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
प्रशासन का कहना है कि पूर्वी मलेशिया में हवाई यातायात नियंत्रण केंद्र से विमान का अंतिम संपर्क कोटा भारू और वियतनाम के दक्षिणी छोर के बीच कहीं पर हुआ था और उस समय वह 35 हजार फुट की उंचाई पर उड़ रहा था। लापता विमान की खोज का काम पांचवें दिन में प्रवेश कर गया है और दस देशों से करीब 34 विमान और 40 पोत विमान के उड़ान मार्ग और उसके आसपास के जल मार्ग को खोजने में जुटे हैं । (एजेंसी)
First Published: Wednesday, March 12, 2014, 17:21