FTA को अंतिम रूप देने पर भारत-जर्मनी सहमत

FTA को अंतिम रूप देने पर भारत-जर्मनी सहमत

FTA को अंतिम रूप देने पर भारत-जर्मनी सहमत बर्लिन : भारत और जर्मनी ने कई अनसुलझे मुद्दों के बावजूद बहुप्रतीक्षित भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को इसी साल अंतिम रूप देने पर सहमति जताई है। दूसरी ओर भाजपा ने इसे ‘बहुत विवादास्पद’ कदम करार देते हुए देश के महत्वपूर्ण हितों से जुड़े समझौतों पर संसद का अनुमोदन अनिवार्य करने की मांग की है।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने एक साझा बयान में यूरोपीय संघ तथा भारत के बीच व्यापक, महत्वाकांक्षी और संतुलित मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत के सफल नतीजे को लेकर अपनी दृढ प्रतिबद्धता का उल्लेख किया है। इस मुक्त व्यापार का मकसद नौकरियां पैदा करना और दोनों देशों का विकास है। दोनों नेताओं ने उम्मीद जताई कि 2013 में ही अंतिम समझौता हो जाएगा।

मनमोहन सिंह के तीन दिवसीय दौरे के निष्कर्ष के तौर पर यह साझा बयान जारी किया गया है। इस दौरे पर प्रधानमंत्री ने यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी पर दबाव बनाया कि वह 27 देशों वाले यूरोपीय संघ के साथ द्विपक्षीय निवेश एवं व्यापार समझौते :बीटा: पर हस्ताक्षर के लिए ‘मजबूत राजनीतिक शक्ति’ प्रदान करे।

दोनों देशों की ओर से इसी साल एफटीए को अंतिम रूप देने की उम्मीद जताने से एक दिन पहले कल मर्केल ने कहा था कि दोनों पक्षों को अब भी ‘सभी परेशानियों’ से निपटना है।

प्रधानमंत्री ने यहां मर्केल के साथ एफटीए पर चर्चा की तो स्वदेश में विपक्षी भाजपा ने बातचीत के अंतिम चरण में शामिल होने के उनके फैसले को ‘बेहद विवादास्पद’ करार दिया। (एजेंसी)

First Published: Friday, April 12, 2013, 18:20

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