Last Updated: Saturday, August 31, 2013, 18:50
मुंबई : रिजर्व बैंक ने आज कहा कि बेकार पड़े सोने को खरीदकर उसे बुलियन में तब्दील करने की उसकी कोई योजना नहीं है। आरबीआई ने एक बयान में कहा, आरबीआई स्पष्ट करता है कि इस समय ऐसा कोई प्रस्ताव उसके विचाराधीन नहीं है। मीडिया रपटों में लिखा गया है कि रिजर्व बैंक मंदिर न्यासों के पास उपलब्ध सोने, और बिना उपयोग के बेकार पड़े सोने को बुलियन में बदलने सहित विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहा है। बुलियन का तात्पर्य आमतौर पर सोने की छड़ से होता है।
सोने की मांग बढ़ने की वजह से इसका आयात बढ़ा है जिससे चालू खाते का घाटा 2012-13 में जीडीपी के 4.8 प्रतिशत के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। कीमती धातुओं के आयात में सोने की बढ़ती मांग इसकी बड़ी वजह रही है। चालू खाते का घाटा (कैड) बढ़ने की एक बड़ी वजह सोने का बढ़ता आयात भी रहा है। वर्ष 2012-13 में यह जीडीपी का 4.8 प्रतिशत रहा है।
रिजर्व बैंक और सरकार को ने सोने का आयात कम करने के लिये कई कदम उठाये हैं ताकि कैड को नियंत्रित रखा जा सके। सरकार ने हाल ही में सोने पर आयात शुल्क बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से जुलाई की अवधि में सोने का आयात 87 प्रतिशत बढ़कर 383 टन तक पहुंच गया। पिछले वर्ष इसी अवधि में 205 टन सोने का आयात किया गया था। (एजेंसी)
First Published: Saturday, August 31, 2013, 18:50