चीन सहित पूरी दुनिया ने की उ. कोरिया के परमाणु परीक्षण की आलोचना

चीन सहित पूरी दुनिया ने की उ. कोरिया के परमाणु परीक्षण की आलोचना

चीन सहित पूरी दुनिया ने की उ. कोरिया के परमाणु परीक्षण की आलोचनासंयुक्त राष्ट्र : उत्तर कोरिया ने मंगलवार को अपने हिमायती माने जाने वाले चीन सहित लगभग सारी दुनिया को धता बताते हुए शक्तिशाली भूमिगत परमाणु परीक्षण किया। तमाम प्रतिबंधों का सामना कर रहे उत्तर कोरिया का कहना है कि उसका तीसरा परमाणु परीक्षण ‘अमेरिका की शत्रुता का जवाब’ है।

इस भूमिगत परीक्षण की कड़ी निंदा करते हुए संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि यह सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का स्पष्ट उल्लंघन है और साथ ही यह ‘उकसावे की कार्रवाई से बचने के विश्व समुदाय के अनुरोध की भी अवज्ञा है।’संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘प्योंगयोंग की ओर से उकसावे की कार्रवाई से बचने के अंतरराष्ट्रीय समुदाय के आह्वान की अवज्ञा करना निंदनीय है।’

बान ने यह विश्वास भी जताया है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद एकजुट रहेगी और समुचित कार्रवाई करेगी।

उत्तर कोरिया के तीसरे परमाणु परीक्षण को ‘अत्यंत उकसावे की कार्रवाई’ करार देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि अब अतंरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से ‘त्वरित और विश्वसनीय’ कदम उठाने का समय आ गया है ।

परीक्षण के बाद चीन ने कहा कि वह उत्तर कोरिया के इस परमाणु परीक्षण का ‘कड़ा विरोध’ करता है लेकिन प्योंगयोंग के खिलाफ प्रतिबंधों का समर्थन करने के संबंध में उसने कुछ नहीं कहा।

चीन के विदेश मंत्रालय ने यहां एक बयान में कहा, ‘द डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामूहिक विरोध के बावजूद आज और एक परमाणु परीक्षण किया है। चीन की सरकार इस कृत्य का कड़ा विरोध करती है।’

प्योंयांग इससे पहले वर्ष 2006 और वर्ष 2009 में भी परमाणु परीक्षण किए हैं।

विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि वह चीन के पुराने रुख पर कायम है जिसमें कोरियाई प्रायद्वीप के अपरमाणुकरण, परमाणु हथियारों प्रसरण रोकना और उत्तर-पूर्व एशिया में शांति और स्थाईत्व बनाए रखना शामिल है। बयान में कहा गया है कि हम डीपीआरके (उत्तर कोरिया) से गंभीरता से आग्रह करते हैं कि वह अपरमाणुकरण के वादे का सम्मान करे और परिस्थिति को और खराब बनाने से बचे। प्रायद्वीप और उत्तर-पूर्व एशिया में शांति और स्थाईत्व की सुरक्षा और सभी संबंधित पक्षों के हित में है।

उत्तर कोरिया वर्तमान में चीन से मिलने वाली भारी सहायता पर निर्भर है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र की ओर से उसपर पहले से ही काफी प्रतिबंध लगे हुए हैं।

दक्षिण कोरिया में हाल ही में राष्ट्रपति का चुनाव जीतने वाली पार्क गुनहे ने कहा, ‘अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से कड़ी चेतावनी के बावजूद उत्तर कोरिया द्वारा किया गया परमाणु परीक्षण स्वयं को अलग-थलग करने से ज्यादा और कुछ नहीं।’ इस मुद्दे पर ब्रिटेन के विदेश मंत्री विलियम हेग का कहना है, ‘उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइलों की क्षमता विकसित करना अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा खड़ा कर रहा है।’

रूस के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है, ‘हमें चिंता है कि प्योंगयांग के इस हालिया कदम का उपयोग कोरियाई प्रायद्वीप में सैन्य शक्ति को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।’

संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था आईएईए ने भी उत्तर कोरिया के भूमिगत परमाणु परीक्षण की निंदा की है। संस्था के महानिदेशक युकिया अमानो ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग डीपीआरके के परमाणु मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान में योगदान के लिए प्रतिबद्ध है। संबंधित देशों के बीच राजनीतिक सहमति बनने पर वह अपना परमाणु निगरानी कार्यकम्र शुरू कर देगा।’

ऑस्ट्रेलिया ने भी उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु परीक्षण किए जाने की आलोचना की। प्रधानमंत्री जुलिया गिलार्ड ने कहा कि बार-बार अंतरराष्ट्रीय समुदाय की इच्छा के खिलाफ काम कर रहे प्योंगयांग के खिलाफ उनकी सरकार बेहद कठोर कदम उठाएगी। ऑस्ट्रेलिया ने इस मुद्दे पर तुरंत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की बैठक बुलाने की भी मांग की है।

यूरेनियम संवर्धन के मामले में खुद संयुक्त राष्ट्र सहित तमाम प्रतिबंधों का सामना कर रहे ईरान ने उत्तर कोरिया द्वारा किए गए परमाणु परीक्षण के बाद सभी परमाणु हथियारों को पूरी तरह नष्ट करने की बात कही है।

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रामिन मेहमानपरस्त ने कहा, ‘हमें एक ऐसे चरण में पहुंचना है जहां किसी देश के पास कोई परमाणु हथियार न हो और उसी वक्त बड़ी संख्या में नरसंहार करने में सक्षम हथियारों और परमाणु हथियारों को नष्ट करने की जरूरत है।’

जापान के प्रधानमंत्री शिन्जो एबे ने एक बयान में कहा कि उन्होंने अपने मंत्रियों से कहा है कि वे संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्योंगयांग पर और प्रतिबंध लगाए जाने की संभावनाओं के बीच अमेरिका, दक्षिण कोरिया, चीन और रूस के साथ मिलकर मजबूती से काम करें।

उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण पर अफसोस जताते हुए हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान ने कहा है कि सभी देशों को परमाणु मुद्दे पर उनकी अंतरराष्ट्रीय बाध्यताओं को मानना चाहिए।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोआज्जम खान ने एक बयान में कहा, ‘डीपीआरके (उत्तर कोरिया) सरकार द्वारा आज किए गए भूमिगत परमाणु परीक्षण पर पाकिस्तान अफसोस जताता है।’

उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान मानता है कि सभी देशों को अपनी संबंधित अंतरराष्ट्रीय बाध्यताओं का मानना चाहिए।’ (एजेंसी)

First Published: Tuesday, February 12, 2013, 21:02

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