Last Updated: Saturday, January 26, 2013, 15:39

सोल/बीजिंग : संयुक्त राष्ट्र के कड़े प्रतिबंधों के बावजूद उत्तर कोरिया ने तीसरा परमाणु परीक्षण करने की धमकी दोहराते हुए कहा कि यह ‘जनता की मांग’ है। हालांकि एक अमेरिकी राजदूत का कहना है कि अमेरिका और चीन ने उत्तर कोरिया के प्रस्तावित परमाणु परीक्षण का विरोध किया है।
उत्तर कोरिया की ताजा धमकी से एक दिन पहले प्योंगयांग ने कहा कि इस सप्ताह की शुरूआत में लगाये गए प्रतिबंध ‘युद्ध की घोषणा’ की तरह हैं। उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया को कार्रवाई की चेतावनी भी दी। सत्तारुढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के आधिकारिक समाचार पत्र ‘रोडोंग सिनमुन’ ने ‘हमारे पास कोई अन्य विकल्प नहीं’ शीर्षक वाले स्तंभ में कहा कि परमाणु परीक्षण जनता की मांग है। जनता की मांग है कि हमें परमाणु परीक्षण से भी ज्यादा कुछ करना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हमारे लिए कोई अन्य विकल्प नहीं छोड़ा है। हमारे पास निर्णायक संघर्ष के लिए आगे बढ़ने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है।`
उत्तर कोरिया की ताजा धमकी पर एक अमेरिकी राजदूत ने कहा कि वाशिंगटन और बीजिंग इस बात पर सहमत हैं कि उत्तर कोरिया द्वारा एक और परमाणु परीक्षण उसे बड़े संकट की ओर ले जाएगा तथा क्षेत्रीय वार्ता फिर से शुरू करने के प्रयासों को झटका लगेगा। चीन के अधिकारियों के साथ आज बीजिंग में बातचीत के बाद उत्तर कोरिया के अमेरिकी राजदूत ग्लिन डेवियस ने कहा कि दोनों पक्ष उत्तर कोरिया द्वारा किसी भी परमाणु परीक्षण का विरोध करते हैं।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में स्थिरता लाने के लिए परमाण हथियारों से उसकी मुक्ति एक शर्त बनी रहेगी। डेवियस ने संवाददाताओं से कहा कि हमारी आमसहमति है कि परमाणु परीक्षण संकट में डालने वाला होगा और कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु हथियार मुक्त करने के प्रयासों को झटका लगेगा। (एजेंसी)
First Published: Saturday, January 26, 2013, 15:39