Last Updated: Sunday, July 7, 2013, 23:26

काहिरा : मिस्र में राजनीतिक उठापटक ने एक और नाटकीय मोड़ ले लिया है। उदारवादी नेता मोहम्मद अलबरदेई को प्रधानमंत्री पद के लिए चुने जाने को लेकर देश के नए नेतृत्व में घमासान हो रहा है और दूसरी ओर सत्ताच्युत राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के पक्ष और विपक्ष में एक साथ हो रही रैलियों के हिंसा भड़कने का डर है।
मुर्सी को सत्ता से हटाने का समर्थन करने वाली अंतरिम राष्ट्रपति अदली मंसूर नीत गठबंधन सरकार द्वारा अंतरिम प्रधानमंत्री के पद के लिए अलबरदेई के चयन पर पसोपेश में है और मुर्सी के समर्थन एवं विरोध में जारी रैलियों के कारण तनाव बहुत बढ़ गया है। देश को इस खूनी संकट से उबारने के लिए अलबरदेई को अंतरिम प्रधानमंत्री बनए जाने की बात हो रही है।
सरकारी टीवी चैनल पर राष्ट्रपति के सलाहकार अहमद अल-मुस्लीमानी ने कहा कि अलबरदेई ने कल दोपहर में दो घंटे के लिए अंतरिम राष्ट्रपति अदली मंसूर से मुलाकात की थी और ‘चर्चा और विचार विमर्श जारी’ है। उन्होंने कहा, ‘हम आशा करते हैं कि कल प्रधानमंत्री और मंत्रियों के नाम की घोषणा होगी।’ उन्होंने कहा कि जिन नामों पर विचार किया जा रहा है उस सूची में अलबरदेई ही ‘जायज विकल्प’ हैं। यदि 71 वर्षीय अलबरदेई चुने जाते हैं तो सैन्य तख्ता पलट के कुछ ही दिन बाद देश धर्मनिरपेक्ष दिशा में मुड़ जाएगा। सेना ने लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए देश के पहले राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को कुछ ही पहले सत्ता से हटाया है।
मुर्सी के समर्थक और विरोधी दोनों ही पक्ष आज एक साथ प्रदर्शन की। समर्थकों की मांग है कि मुर्सी को वापस राष्ट्रपति बनाया जाए जबकि विपक्ष मुर्सी को सत्ता से हटाए जाने का समर्थन कर रहे हैं। सैन्य तख्ता पलट के विरोध में आज प्रदर्शन का आयोजन किया गया है। इसका आयोजन 61 वर्षीय मुर्सी को फिर से राष्ट्रपति बनाने का समर्थन करने वाले गठबंधन ने किया है। अधिकारियों ने प्रधानमंत्री पद के लिए पहले संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था के प्रमुख अलबरदेई का नाम सुझाया था। उनकी नियुक्ति की खबर की सलाफीवादी नूर पार्टी ने आलोचना करते हुए कहा है कि वह उनके साथ काम नहीं करेगी।
अलबरदेई की नियुक्ति की खबर से मुर्सी के समर्थकों में काफी गुस्सा है। दूसरी ओर उनकी नियुक्ति के संबंध में आयी प्रारंभिक रिपोर्ट का तहरीर चौक और इत्तिहादिया राष्ट्रपति भवन के पास लोगों ने प्रसन्नता से स्वागत किया है। 24 घंटों की हिंसा, 37 लोगों की मौत और 1,400 लोगों के घायल होने के बाद यह प्रसन्नता का क्षण आया है।
इस बीच अलबरदेई ने मुस्लिम ब्रदरहुड को मिस्र के राजनीतिक भविष्य में शामिल करने की बात कही है। उन्होंने जर्मन साप्ताहिक समाचार ‘देर स्पीगल’ से कहा, ‘मैं लोकतांत्रिकरण की प्रक्रिया में ब्रदरहुड को शामिल करने की बात कह रहा हूं।’ उन्होंने कहा, ‘किसी को भी पुष्ट कारण के बिना अदालत नहीं ले जाना चाहिए। पूर्व राष्ट्रपति मुर्सी के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया जाना चाहिए।’
दूसरी ओर ईरान ने पहली बार मिस्र के मामले पर आधिकारिक प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सेना द्वारा मुर्सी को हटाया जाना असंगत है। देश की सरकारी संवाद समिति ‘आईआरएनए’ ने रविवार को अपनी एक खबर में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास अरागची के हवाले से कहा है कि मोहम्मद मुर्सी के समर्थकों को उन्हें फिर से सत्ता में लाने की कोशिश नहीं छोड़नी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘इस्लामी और क्रांतिकारी हताश न हों।’ इस पूरे मामले में रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने आज चेतावनी दी है कि मिस्र में मुर्सी के समर्थकों और उन्हें हटाने पर अड़े विपक्ष के बीच का गतिरोध गृह युद्ध में बदल सकता है। रूसी संवाद समिति ने कजाख्स्तान की यात्रा पर गए राष्ट्रपति के हवाले से लिखा है, ‘सीरिया पहले से ही गृहयुद्ध की चपेट में है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मिस्र भी उसी दिशा में बढ़ रहा है।’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, July 7, 2013, 23:26