Last Updated: Friday, August 16, 2013, 19:46

काहिरा: मिस्र के अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के समर्थकों पर नृशंस कार्रवाई में 643 लोगों के मारे जाने के बाद मुस्लिम ब्रदरहुड के हजारों समर्थकों ने मिस्र की सड़कों पर प्रदर्शन किया और ताजा झडपों में पांच लोगों की मौत हो गई है।
इस्लामायिा के स्वेज नहर शहर में सुरक्षा बलों के साथ झड़प में मुर्सी समर्थक चार प्रदर्शनकारियों को गोली मार दी गई जबकि सरकारी मीडिया की खबर के मुताबिक काहिरा चौकी पर एक सशस्त्र हमले में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई।
सरकारी ईजीवाई न्यूज की खबर के मुताबिक देश के अलग अलग हिस्सों से भी हिंसा की खबरें मिली हैं जबकि सेना के वाहन समूचे काहिरा और गीजा में लगा रखे गए हैं। इन वाहनों ने चौराहों पर मोर्चा संभाल रखा है और अहम संस्थानों की सुरक्षा कर रहे हैं।
मिस्र की सेना ने काहिरा और अन्य शहरों में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी है क्योंकि मुस्लिम ब्रदरहुड ने शुक्रवार की नमाज के बाद 28 मस्जिदों से मार्च निकालने का आह्वान किया था।
शुक्रवार की नमाज के बाद मुर्सी समर्थक हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और उन्होंने सेना द्वारा लागू आपातकाल की अवज्ञा में इसे ‘शुक्रवार का रोष’ करार दिया।
बख्तरबंद वाहनों और कंटीले तारों से तहरीर स्कवायर के सारे प्रवेश द्वार बंद कर दिए गए थे और मुस्तफा महमूद स्कवायर में 22 बख्तरबंद वाहन तैनात रखे गए हैं। सुरक्षा बलों ने मिस्र के उत्तरी शहर तांता स्थित एक सरकारी इमारत तक पहुंचने से मुर्सी समर्थकों को रोकने के लिए हवा में गोलियां चलाई और आंसू गैस के गोले छोड़े।
मुस्लिम ब्रदरहुड ने विशाल प्रदर्शन करने का संकल्प लिया था वहीं मिस्र की सैन्य सरकार ने अपनी कार्रवाई में कोई नरमी नहीं बरती। मुस्लिम ब्रदरहुड ने आज लोगों से शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने की अपील करते हुए अपने वेबसाइट पर कहा, ‘इस अवैध शासन को उखाड़ फेंकना एक कर्तव्य है।’
सरकारी मीडिया ने बताया कि काहिरा के सभी प्रवेश द्वार पर स्थित चौकियों पर सैनिक बढा़ दिए गए हैं ताकि प्रदर्शनकारियों तक हथियार न पहुंचने पाए। काहिरा के उत्तर में सुरक्षा बलों की कारों पर हमलावरों की गोलीबारी में कम से कम 20 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए।
गौरतलब है कि रबाबा अल अदावेया और अल नाहदा स्थित मुर्सी समर्थक प्रदर्शनकारियों के दो शिविरों को हटाये जाने की सुरक्षा बलों की कार्रवाई में कम से कम 638 लोग मारे गए, जिसके बाद प्रदर्शन करने की घोषणा की गई। सेना द्वारा 3 जुलाई को मुर्सी को अपदस्थ किए जाने के बाद इन दोनों स्थानों पर मुर्सी समर्थक धरने पर बैठे थे। (एजेंसी)
First Published: Friday, August 16, 2013, 19:46