Last Updated: Saturday, July 6, 2013, 16:25

काहिरा : मिस्र के अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के समर्थकों और विरोधियों के हिंसक प्रदर्शनों में देशभर में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई है और सैंकड़ों लोग घायल हो गए हैं। इस बीच मुस्लिम ब्रदरहुड के नेतृत्व में एक इस्लामी गठबंधन ने मुर्सी के समर्थन में देश भर में और भी प्रदर्शन करने का आज संकल्प लिया।
61 वर्षीय मुर्सी के दसियों हज़ार समर्थक उन्हें फिर से राष्ट्रपति नियुक्त किए जाने की मांग को लेकर जुम्मे की नमाज़ के बाद सड़कों पर उतर आए और सैन्य शासन के खिलाफ नारेबाज़ी करने लगे। इसी दौरान मुर्सी समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा भड़क गईं। प्रदर्शनकारियों ने मुर्सी की तस्वीरें लेकर काहिरा में रिपब्लिकन गार्डस क्लब की ओर रैली निकाली। ऐसा बताया जा रहा है कि मुर्सी बुधवार रात से इसी क्लब में नजरबंद हैं।
स्थानीय मीडिया के अनुसार सैनिकों की चेतावनी के बावजूद भीड़ ने गार्ड्स मुख्यालय में हमला करने की कोशिश की जिसके कारण सैनिकों को गोली चलानी पड़ी। सैनिकों ने पहले हवा में और फिर प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाई जिसके कारण चार प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए।
रिपोर्टों में बताया गया कि काहिरा की सड़कों पर हुई अन्य हिंसक घटनाओं में कई लोग मारे गए और कई अन्य घायल हुए। तहरीर स्क्वैयर पर हुए संघर्ष में भी दो लोगों की मौत हुई। अलेक्जेंड्रिया में हुए संघर्षों में भी 12 लोगों की मौत हो गई। इस बीच ब्रदरहुड नीत ‘नेशनल अलाइंस इन सपोर्ट ऑफ इलेक्ट्रोरल लेजिटिमेसी’ ने अपदस्थ राष्ट्रपति के समर्थन में और प्रदर्शन करने का आज संकल्प लिया।
गठबंधन ने कहा, ‘सैन्य तख्तापलट को जब तक बदल नहीं दिया जाता और वैधानिक राष्ट्रपति को फिर से नियुक्त नहीं कर दिया जाता तब तक लोग अपना शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रखेंगे।’ मुर्सी को गत बुधवार को सेना ने अपदस्थ कर दिया था। इसके बाद से वह अपनी मुस्लिम ब्रदरहुड पार्टी के कुछ वरिष्ठ सहयोगियों के साथ नज़रबंद हैं।
मिस्र में कल उस समय हिंसा भड़क गई थी जब ब्रदरहुड के सर्वोच्च नेता मोहम्मद बेदी ने अपने समर्थकों से कहा था कि वे मुर्सी को फिर से नियुक्त किए जाने तक सड़कों से न हटें। इस बीच उत्तर सिनाई के अल अरिश शहर में पांच पुलिसकर्मियों की हत्या हो गई। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि ये हमले मुर्सी समर्थक प्रदर्शनों से संबंधित थे या नहीं।
इससे पहले शक्तिशाली सेना ने लोगों से शांति बनाए रखने की मांग करते हुए कहा था कि वह प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच बदला लेने के कृत्यों को स्वीकृति नहीं देगी। अल अरबिया के अनुसार सैन्य बलों ने लोगों से ‘बदले के कभी न खत्म होने वाले चक्र में न फंसने’ को कहा। सेना ने कहा कि वह किसी भी गुट या राजनीतिक आंदोलन के खिलाफ कोई असामान्य या अनियंत्रित कदम नहीं उठाना चाहती। सेना ने कहा, ‘शांतिपूर्ण प्रदर्शन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हर व्यक्ति का अधिकार है।’ (एजेंसी)
First Published: Saturday, July 6, 2013, 16:25